ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण अब भारत में भी रफ़्तार पकड़ने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि एक दिन में अब तक सबसे ज़्यादा मामले 122 आए हैं। इसके साथ ही अब पूरे देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या बढ़कर 358 पहुँच गई है। इसी बीच अब ओमिक्रॉन के ख़तरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार से रात के कर्फ्यू की घोषणा की है।
उत्तर प्रदेश ने शुक्रवार को एहतियात के तौर पर राज्य में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लगा दिया है जो कर्फ्यू शनिवार रात से लागू हो जाएगा।
बहरहाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को अपडेट किए गए आँकड़ों के अनुसार भारत में 24 घंटे की अवधि में सबसे ज़्यादा ओमिक्रॉन के मामले आने के बाद कुल संख्या 358 तक पहुंच गई है। इनमें से 114 ठीक हो गए हैं या पलायन कर चुके हैं। यह दिखाया गया है कि अब तक 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण का पता चला है।
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सबसे अधिक 88 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद दिल्ली में 67, तेलंगाना में 38, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31 और गुजरात में 30 मामले दर्ज किए गए हैं।
इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में क्रिसमस और नये साल के जश्न के लिए इकट्ठे होने पर पाबंदी लगा दी गई है। महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के बेंगलुरु जैसे शहरों में भी ऐसे जश्न के लिए लोगों को इकट्ठे होने पर पाबंदियां लगाई गई हैं।
ओमिक्रॉन के जोखिम को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कोरोना पर समीक्षा बैठक की।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश भर में कोरोना की स्थिति, ओमिक्रॉन और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान पीएम ने कहा कि नए वैरिएंट को देखते हुए हमें सतर्क और सावधान होना चाहिए।
बता दें कि ओमिक्रॉन के ख़तरे को देखते हुए ही केंद्र ने राज्यों को अपनी तैयारी तेज़ करने, स्वास्थ्य व्यवस्था मज़बूत करने, जाँच व केसों की ट्रेसिंग को सुदृढ़ करने को कहा है। इसके साथ ही इसने यह भी कहा है कि किन परिस्थितियों में किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाएं।
केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम को राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना ज़्यादा संक्रामक है। इस पर चिंता जताते हुए केंद्र ने राज्यों से कहा है कि इसे नियंत्रित करने के लिए वार रूम को सक्रिय किया ही जाना चाहिए। केंद्र ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन के अलावा देश के कई हिस्सों में डेल्टा वैरिएंट अभी भी मौजूद है।
केंद्र ने कहा है कि चूँकि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम से कम 3 गुना ज़्यादा संक्रामक है इसलिए स्थानीय व ज़िला स्तर पर अधिक दूरदर्शिता दिखानी होगी, डेटा विश्लेषण करना होगा, गतिशील निर्णय लेने होंगे और रोकथाम के लिए कड़ी व त्वरित कार्रवाई करने की ज़रूरत है।