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क्या रोहित शर्मा को ऋषभ पंत का डर सता रहा है?

क्या रोहित शर्मा को ऋषभ पंत का डर सता रहा है?

भारतीय क्रिकेट टीम एक के बाद एक मैच हार क्यों रही है? क्या टीम के कप्तान रोहित शर्मा खिलाड़ियों का इस्तेमाल ठीक से नहीं कर रहे हैं या फिर उनको अपने ही खिलाड़ियों से डर लगता है?

रोहित शर्मा एक अच्छे खिलाड़ी लेकिन बहुत ख़राब कप्तान हैं। उनकी बल्लेबाजी पर तो बुरा असर पड़ा ही है, साथ ही उनके ग़लत फ़ैसले टीम की हार की वजह बन रहे हैं। एशिया कप से लेकर ऑस्ट्रेलिया के पहले मैच तक रोहित एक जैसी ग़लतियाँ कर रहे हैं। गेंदबाजी अच्छी नहीं, गेंदबाजों का सही इस्तेमाल नहीं, फील्डिंग चुस्त नहीं और सबसे बड़ी वजह कप्तान रोहित शर्मा को ऋषभ पंत का खौफ है।

ऋषभ पंत में भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य देखा जा रहा था। उन्हें भविष्य का कप्तान माना जा रहा था और वे इसके योग्य हैं भी। भारतीय टीम के उप कप्तान भी रहे और कप्तानी के दावेदार भी, बस यही बात रोहित शर्मा को परेशान कर रही है और वो ऋषभ पंत को नाकाम बनाने और साबित करने में लगे हैं। यहाँ तक कि अब उनकी कप्तानी में ऋषभ पंत की जगह भी पक्की नहीं है।

एशिया कप में उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खिलाया गया और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में। लगातार ऋषभ पंत का बैटिंग ऑर्डर बदला गया। ओपनर से लेकर 5वें नंबर तक। कहाँ बैटिंग करेंगे कुछ तय नहीं। एशिया कप में ही ऋषभ और पांड्या के बीच टकराव के हालात पैदा हुए क्योंकि अचानक रोहित शर्मा ने ऋषभ को रोक कर हार्दिक पांड्या को बैटिंग पर जाने के लिए कहा। हालाँकि पांड्या तैयार नहीं थे नतीजा दोनों ही अपना नेचुरल गेम नहीं खेल पाए।

दिनेश कार्तिक दूसरे विकेट कीपर हैं। उन्होंने आईपीएल में कुछ अच्छी पारियां खेली हैं लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य नहीं हैं। और सच पूछा जाए तो वर्तमान भी नहीं हैं। इस एज ग्रुप में अगर कोई खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लायक है तो वे हैं शिखर धवन लेकिन बहुत अच्छे प्रदर्शन और कप्तानी के बावजूद उनकी उम्र उनके चयन में रुकावट बनी लेकिन दिनेश कार्तिक की नहीं।

कार्तिक विकेट के पीछे तो अच्छे हैं ही नहीं, बल्ले से भी कुछ नहीं कर पा रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मुकाबले में एलबीडब्ल्यू के तीन फैसले कार्तिक ठीक ढंग से नहीं ले सके। पहले फैसले में उनकी अपील ना करने की वजह से विकेट नहीं मिल सका जबकि रिव्यू में, आउट थे। इसी तरह उमेश यादव की दोनों बॉलों पर एलबीडब्ल्यू की अपील कार्तिक के जरिए नहीं की गई। एम्पायर ने नॉट आउट दिया। अगर रोहित ने डीआरएस ना लिया होता तो ये दो विकेट भी नहीं मिलते।

विकेट के पीछे डीआरएस के मामले में ऋषभ पंत का रिकॉर्ड शानदार है। अब अगर दिनेश कार्तिक की बल्लेबाजी की बात करें तो उन्हें आखिरी 4 ओवर से पहले बैटिंग के लिए नहीं भेजा जा सकता। जरूरत पड़ने पर अक्षर पटेल को भेजा जाता है यानी 4 ओवर की 24 गेंदों में से वो 12 गेंदों के खिलाड़ी हैं और इसमें भी कामयाब नहीं। कम से कम 12 गेंदें खेलने के लायक खिलाड़ी को बल्लेबाज की कैटेगरी में तो नहीं रखा जा सकता। हार्दिक पांड्या ने आखिरी 3 बॉल्स में 3 छक्के लगा कर साबित किया कि वो अच्छे फिनिशर साबित हो सकते हैं, रविंद्र जडेजा, दीपक हुड्डा उनसे बेहतरीन विकल्प हैं। लेकिन ऋषभ पंत को किनारे करने के लिए रोहित शर्मा के लिए दिनेश कार्तिक सबसे उपयोगी हैं भले ही टीम हारती रहे।

(अज़ीज़ बर्नी की फेसबुक वाल से साभार) 

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