भारत-चीन ने पैंगोंग त्सो से सैनिक हटाना शुरू किया, चीनी सेना का दावा
भारत और चीन ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल लू चियान ने एक बयान में यह दावा किया है।
एनडीटीवी ने यह ख़बर दी है। चीनी सरकार के अख़बार 'ग्लोबल टाइम्स' ने इसकी पुष्टि की है।
वू चियान ने एक बयान में कहा है,
“
"पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से चीनी और भारतीय सेना के अग्रिम पंक्ति के सैनिक सुनियोजित और संगठित तरीके से लौटने लगे हैं।"
कर्नल लू चियान, प्रवक्ता, चीनी रक्षा मंत्रालय
नौवीं दौर की बातचीत में बनी थी सहमति
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच कमान्डर स्तर की नौवीं दौर की बातचीत में हुई सहमति के अनुसार यह कदम उठाया जा रहा है। यह बातचीत चुशुल-मोल्दो के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पार चीनी इलाक़े में हुई थी। दोनों सेनाओं के बीच 15 घंटे की बातचीत में यह तय हुआ था कि सैनिकों को सिलसिलेवार ढंग से वापस बुला लिया जाए।
इसके पहले भी चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी बातचीत में अपने सैनिकों को वापस बुलाने पर राजी हो गए थे, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ था।
पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी समेत पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों ने अपने-अपने लगभग 40 हज़ार सैनिक तैनात कर रखे हैं। बीते महीने दोनों देशों ने अपने-अपने 10 हज़ार सैनिकों को वापस बुला लिया था। लेकिन ये अग्रिम पंक्ति के सैनिक नहीं थे, यानी एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक पहले की तरह ही आमने-सामने खड़े थे।
याद दिला दें कि मई 2020 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सरज़मीन में घुस आए थे, वहाँ से वापस लौटने से यह कह कर इनकार कर दिया था कि वे अपनी सीमा के अंदर ही हैं।
गलवान घाटी की झड़प
इसके बाद भारत ने भी अपने सैनिकों को वहाँ तैनात कर दिया। दोनों देशों ने सैनिक साजो-सरंजाम भी वहाँ पहुँचा दिए। उसके बाद तनाव बढ़ता गया और युद्ध की नौबत आ गई।
गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून, 2020 को झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। चीन ने यह माना कि उसके सैनिक भी मारे गए, पर उसने उनकी संख्या नहीं बताई।
भारत और चीन के सैनिकों की वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसके दो दिन पहले ही भारत सरकार के मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष वी. के. सिंह ने दावा किया था कि जितनी बार चीनी सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की, उससे अधिक बार भारतीय सैनिकों ने चीनी सीमा में घुसपैठ की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा था, "आप निश्चिंत रहिए, यदि चीनी सैनिकों ने भारत में 10 बार घुसपैठ की तो भारतीय सैनिकों ने चीन में 50 बार घुसपैठ की।"