शिवराज के मंत्री परमार की बहू ने लगाई फांसी
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के काबीना मंत्री इंदर सिंह परमार की बहू ने मंगलवार की शाम को फांसी लगाकर जान दे दी। सुगबुगाहट है कि वह ससुराल वालों के बर्ताव से नाखुश थी और इसी के चलते उसने यह कदम उठाया। मामला हाई प्रोफाइल है, लिहाजा पुलिस और प्रशासन मामले पर चुप्पी साधे हुए है।
इंदर सिंह परमार के पास शालेय शिक्षा विभाग का दायित्व है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी माने जाने वाले परमार शिवराज सिंह के चौथी बार मुख्यमंत्री बनाये जाने पर काबीना में लिये गये थे। मंत्री बनाते हुए शिवराज सिंह ने बेहद महत्वपूर्ण स्कूल शिक्षा विभाग उन्हें सौंपा था।
खुदकुशी की वारदात शाजापुर जिले की कालापीपल तहसील स्थित परमार के गृह गांव पोंचानेर में हुई। परमार की बहू का नाम सविता है और वह महज 22 साल की थी।
सविता का विवाह तीन साल पहले इंदर सिंह परमार के बेटे देवराज परमार के साथ हुआ था। सविता का मायका शाजापुर जिले की ग्राम हड़लायकलां में है। घटना मंगलवार की शाम पांच बजे की है।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पी के बीच सविता के परिजनों ने बेटी द्वारा फांसी लगाकर जान देने की पुष्टि मीडिया से की है।
सुगबुगाहट है कि सविता नाखुश थी। नाखुश क्यों थी? इस बात का खुलासा अभी नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को जब पूरा घटनाक्रम हुआ तब मंत्री परमार का बेटा देवराज घर पर नहीं था। वह गांव हड़लायकलां में आयोजित एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए गया हुआ था।
घटना के समय मंत्री परमार की पत्नी और अन्य परिजन घर पर थे। क्या कुछ हुआ? यह कहानी अभी सामने नहीं आ पायी है। आत्महत्या को लेकर अलग-अलग अपुष्ट कहानियां चल रही हैं। पुलिस जांच कर रही है।
मंत्री को बाहर करो: कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख के.के.मिश्रा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘शिवराज मामा के राज में भांजियों और बहनों पर अन्याय-अत्याचार आम बात हो गई है। अब तो मंत्रियों के घर में भी बेटी सुरक्षित नहीं बच पा रही हैं।’
मिश्रा ने कहा, ‘मामला सीधे सरकार से जुड़ा होने की वजह से पुलिस और प्रशासन पूरे मामले में लीपापोती में जुट गया है। हमें सूचना मिली है कि मसला दहेज प्रताड़ना का है। पुलिस को निष्पक्ष होकर कार्रवाई करते हुए जांच कर मामले का खुलासा करना चाहिए।’
मिश्रा ने कहा, ‘आरोपी यदि मंत्री के घर वाले निकलते हैं तो उनके खिलाफ भी आम जनों की तरह एक्शन से ही पुलिस, प्रशासन एवं सरकार की निष्पक्षता का प्रमाण मिलेगा।’
मिश्रा ने कहा, ‘जांच पूरी नहीं होने तक मंत्री से इस्तीफा ले लेना चाहिए। यदि वे इस्तीफा न दें तो मुख्यमंत्री उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर निष्पक्ष जांच का रास्ता साफ करें।’
मिश्रा ने कहा कि शिवराज मामा वोटों के लिए भांजी-भांजी और बहन-बहन का राग आलापते हैं, लेकिन सूबे में बहन-बेटियों पर अन्याय एवं अत्याचार का रिकार्ड बन चुका है। उन्होंने कहा कि देश भर में मध्य प्रदेश रेप कैपिटल के तौर पर ख्यात हो गया है। नंबर वन पर है।