सर्जिकल स्ट्राइक मुद्दे पर अब तक चुप मोदी ने पठानकोट में दिया जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने आज पंजाब के पठानकोट रैली में सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को छेड़ा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उत्तराखंड चुनाव प्रचार के दौरान उठाते हुए इस घटना के सबूत मांगे थे। उस समय पीएम मोदी ने इस पर कुछ नहीं कहा। लेकिन आज उन्होंने पंजाब में इस पर काफी कुछ बोला। मोदी ने कांग्रेस पर 2016 के पठानकोट हमले के दौरान शहीद हुए सैनिकों के बलिदान का अपमान करने का आरोप लगाया। लेकिन देश कांग्रेस पार्टी को छोड़कर एकजुट है। पीएम ने कहा, "उन्होंने (कांग्रेस) केंद्र सरकार, पंजाब के लोगों और यहां तक कि हमारी सेना पर भी सवाल उठाया। सैनिकों के बलिदान को कम करके आंका। पीएम ने कहा कि 2019 में पुलवामा आतंकी हमले की बरसी के दौरान भी कांग्रेस ऐसा ही कर रही थी। पुलवामा की बरसी पर भी उन्होंने अपनी 'पाप लीला' जारी रखी।
बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकी समूह ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान पर "सर्जिकल स्ट्राइक" की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत कांग्रेस नेता राहुल गांधी मांग रहे हैं। सरकार का दावा है कि पुलवामा हमले के कुछ दिनों बाद, भारतीय फाइटर विमानों ने हमले की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था। मोदी ने पठानकोट रैली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर "अपराध में पार्टनर" होने का आरोप लगाया। उन्होंने आप को कांग्रेस की 'फोटोकॉपी' बताया और कहा कि वे दोनों अयोध्या में मंदिर से या जब भी सेना कुछ करती है, खुश नहीं होते। आप लोग भी इन लोगों को बर्दाश्त मत करो। उन्होंने कहा -
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एक पार्टी (कांग्रेस) ने पंजाब को लूटा, और दूसरी (आप) दिल्ली में भ्रष्टाचार कर रही है।
- पीएम मोदी, बुधवार को पठानकोट में
पीएम मोदी ने कहा, आप ने दिल्ली में भी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से समर्थन लिया। इसलिए पंजाब ने फैसला किया है, इस बार पक्का परिवर्तन। बीजेपी पंजाब को "पंजाबियत" के नजरिए से देखती है जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राज्य को केवल राजनीतिक सत्ता के चश्मे से देखते हैं। पीएम ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर का भी उल्लेख किया। कहा, उन्होंने (कांग्रेस ने) पाकिस्तान में करतारपुर गुरुद्वारे को छोड़ दिया। क्या उन्हें इसे भारत में रखने के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए था? 1965 में, अगर उन्होंने कोशिश की होती तो हमारे पास भारत में गुरु नानक का जन्मस्थान होता। उन्होंने दावा किया कि करतारपुर कॉरिडोर का विकास हमारी सरकार ने कराया है।