पीएम मोदी के भाषण की आलोचना करने पर मुझे फोन कर गालियां दी गईः खडगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने गुरुवार को कहा है कि पीएम मोदी के भाषण की आलोचना करने के बाद मुझे फोन कर गालियां दी गई हैं। दुर्व्यवहार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है। बेंगलुरु में भी मैंने शिकायत दर्ज कराई थी।
मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में विपक्ष के 411 विधायकों को पाला बदलवा कर खुद में शामिल किया है और सरकारें गिरा दी हैं। जो लोग उनके खिलाफ बोलते हैं उन्हें धमकाया जाता है।
उन्होंने पूछा कि आप ऐसी चीजों का सहारा क्यों ले रहे हैं? आप बहस करें और अपने तर्कों के आधार पर लोगों को समझाएं।
उन्होंने कहा कि ऐसी डराने-धमकाने वाली रणनीति से न तो वह और न ही कांग्रेस कमजोर होगी, खड़गे ने कहा कि उन्होंने जीवन में काफी कठिनाइयां देखी हैं। मैं अपने राजनीतिक जीवन के 53 वर्षों में, एक को छोड़कर, कोई चुनाव नहीं हारा।
अप्रत्यक्ष रूप से मुझे गाली देना, सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे बदनाम करना उनकी शैली है। यदि वे ऐसे व्यक्ति को बदनाम करना चाहते हैं, जिस पर कोई दाग नहीं है, तो हम देखेंगे। हमें सहानुभूति की जरूरत नहीं है और हम केवल उनकी कमियों को उजागर करना चाहते हैं।
खडगे ने राज्यसभा में राहुल गांधी पर पीएम मोदी के हमलों को प्रधानमंत्री के स्तर को गिराने वाला करार दिया है। खड़गे ने कहा है कि एक प्रधानमंत्री को यह कहने के बजाय कि मैं पांच साल और सत्ता में रहूंगा के बजाए पिछले 10 वर्षों में उन्होंने क्या किया है इसके बारे में बोलना चाहिए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि हम आज सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर निकाल रहे हैं। पीएम मोदी जब भी संसद में अपनी बात रखते हैं तो अपनी असफलताओं को छिपाते हैं।
वहीं, जब हम सरकार की असफलताओं के बारे में बोलते हैं, तब उसे महत्व नहीं दिया जाता है।इसलिए हम ब्लैक पेपर निकालकर जनता को सरकार की विफलताओं के बारे में बताना चाहते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी सामाजिक न्याय की सिर्फ बातें करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते। सरकार को रोजगार देने की दिशा में काम करना चाहिए, जब सभी को भागीदारी मिलेगी, तभी न्याय होगा।
इसलिए हम सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बात करते हैं। जब जब ये उपक्रम बनते हैं तो वहां एससी-एसटी, ओबीसी और आदिवासियों को रोजगार मिलता है। उनके जीवन में स्थिरता आती है।
तीन काले कानूनों के खिलाफ किसान 1 साल तक धरने पर बैठे रहे, लेकिन सरकार ने इनकी कोई चिंता नहीं की।
पीएम मोदी ने किसानों से कहा था कि आपको एमएसपी ज्यादा मिलेगी और आमदनी दोगुनी होगी, लेकिन कुछ भी नहीं किया। पीएम मोदी संसद में बेरोजगारी, मंहगाई और किसानों के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं।
देश में महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन पीएम मोदी उसे कम करने के बदले कांग्रेस से तुलना करते रहते हैं। मोदी सरकार चाहे तो दाल, तेल समेत रोजमर्रा की जरूरी चीजों पर महंगाई को कंट्रोल कर सकती है।
देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन मोदी सरकार इसकी बात कभी नहीं करती। वे हमेशा 10 साल की तुलना करते हैं, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की उपलब्धियों के बारे में कभी नहीं बताते।
यहां तक कि जिस राज्य में भाजपा की सरकार नहीं है, केंद्र सरकार वहां मनरेगा का पैसा भी नहीं देती, फिर बाद में कहती है कि पैसा तो रिलीज हुआ, लेकिन वो खर्च नहीं किया गया।
मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि जो लोग दूसरों पर देश को बांटने का, और क्षेत्रवाद का झूठा इलज़ाम लगाते हैं, उन झूठ बोलने वालों को अपना कहा ही याद नहीं रहता।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी, जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वह यूपीए सरकार से गुजरात के टैक्स के अधिकार की बात करते थे।
तब उन्होंने कहा था कि राज्यों को 50 प्रतिशत टैक्स मिलना चाहिए। आपने ये भी कहा था कि गुजरात के लोग 48,600 करोड़ टैक्स देते हैं और केवल 2.5 प्रतिशत वापस मिलता है। खड़गे ने सवाल करते हुए पूछा कि, क्या मोदी जी, आपने ऐसा नहीं कहा था ?