यूपी में तो लड़ेगा I.N.D.I.A : अखिलेश ने कहा- 11 सीटों पर कांग्रेस से समझौता
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 11 "मजबूत" लोकसभा सीटों के साथ कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन "अच्छी शुरुआत" है। यादव ने 'एक्स' (ट्विटर) पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, "कांग्रेस के साथ हमारा सौहार्दपूर्ण गठबंधन 11 मजबूत सीटों के साथ अच्छी शुरुआत कर रहा है। यह रुझान जीत के समीकरण के साथ आगे बढ़ेगा।"
कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2024
‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।
सपा प्रमुख ने कहा, टीम '''इंडिया' और 'पीडीए' रणनीति इतिहास बदल देगी।'' बता दें कि उत्तर प्रदेश लोकसभा में 80 सदस्य भेजता है। सपा प्रमुख का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। दूसरी तरफ बिहार के राजनीतिक हालात देखकर लगता है कि वहां इंडिया दल बिखरने जा रहा है। ऐसे में यूपी की खबर विपक्ष के लिए अच्छी शुरुआत कही जा सकती है।
यूपी में इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग सबसे मुश्किल और बिहार में आसान बताई जा रही थी। लेकिन खेल उल्टा हो गया। यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच सीटों को लेकर बातचीत शुरू से ही सहज रही है। हालांकि बिहार में सीट शेयरिंग आसान बताई गई थी, क्योंकि वहां तो विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार खुद सारी पहल कर रहे थे। लेकिन पिछले एक हफ्ते में स्थितियां बदल गईं। नीतीश कांग्रेस से दूर जा चुके हैं। वो घर वापसी यानी महागठबंधन को तोड़कर भाजपा से हाथ मिलाने जा रहे हैं। संकेत है कि वो जल्द ही एनडीए का हिस्सा बन जाएंगे।
इस बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस के अशोक गहलोत और सपा के अखिलेश यादव के बीच सीट बंटवारे पर रचनात्मक बातचीत चल रही है। जब फॉर्मूला तय हो जाएगा तो हम सूचित करेंगे।" हालांकि टीवी चैनल जोरशोर से बता रहे हैं कि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व ने इस समझौते को स्वीकार नहीं किया है। इन खबरों में कहा गया है कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि खबरें पूरी धूर्तता से फैलाई जा रही हैं। यूपी में कांग्रेस कैसे 50 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। हमने सपा से 50 सीटें कभी नहीं मांगी थीं।
यूपी का घटनाक्रम ऐसे मजबूत संकेतों के बीच आया है, जब बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौटने की फिराक में हैं।
अगस्त 2022 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने अपने पूर्व कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद द्वारा स्थापित राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से हाथ मिला लिया था। इसके बाद, बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले कुमार ने भाजपा से मुकाबला करने के लिए देश भर के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया। इसकी परिणति विपक्षी गुट इंडिया के गठन के रूप में हुई। यदि कुमार एनडीए में लौटने का फैसला करते हैं, तो विपक्षी संयुक्त मोर्चे को बड़ा झटका लगेगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी, टीएमसी, राज्य में लोकसभा चुनाव "अकेले" लड़ेगी। इससे इंडिया गठबंधन में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। पंजाब के मुख्यमंत्री और आप नेता भगवंत मान ने भी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार किया।