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I.N.D.I.A  गठबंधन की 6 दिसंबर को बैठक, क्या अब भी कुछ सीखेगा विपक्ष?

I.N.D.I.A  गठबंधन की 6 दिसंबर को बैठक, क्या अब भी कुछ सीखेगा विपक्ष?

चार राज्यों के चुनाव नतीजों ने विपक्ष को इंडिया गठबंधन पर फिर से विचार करने का मौका दे दिया है और इसीलिए 6 दिसंबर को इसकी बैठक बुलाई गई है। लेकिन जिस तरह कुछ विपक्षी नेताओं का रवैया रहा है, क्या गैर भाजपा दल अब भी कुछ सोचेंगे। जानिए ताजा घटनाक्रमः

विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए 6 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक करने जा रहे हैं। विपक्षी नेता चुनाव से पहले भाजपा से मुकाबला करने की अपनी योजना पर चर्चा करेंगे और उसे अंतिम रूप देंगे। यह खबर पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दी है।

इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले जिस तरह कांग्रेस पर हमला बोला जा रहा है, वो इस गठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। जेडीयू महासचिव निखिल मंडल ने रविवार को खराब प्रदर्शन के लिए कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए। इसी तरह समाजवादी पार्टी भी शुरू से कांग्रेस पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। वो भी अब ज्यादा मुखर हो सकती है।


पांच में से चार राज्यों - राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना - विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी है। तेलंगाना को छोड़कर भाजपा तीन राज्यों में आगे है, लेकिन ये अभी रुझान हैं। अभी अंतिम नतीजे नहीं आए हैं। मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती सोमवार को होगी। कांग्रेस आगे की रणनीति को अंतिम रूप देने से पहले नतीजों का इंतजार कर रही है। 

आम चुनावों में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए इंडिया गठबंधन में कम से कम 26 पार्टियां एक साथ आई हैं और अब तक पटना, बेंगलुरु और मुंबई में तीन दौर की विचार-विमर्श कर चुकी हैं। मुंबई के बाद बैठकों का सिलसिला रुक गया है। विपक्षी गठबंधन आम चुनावों से पहले संयुक्त रैलियों की योजना बना सकता है, जिन्हें विधानसभा चुनावों के कारण रोक दिया गया था।

25 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि 5 राज्यों के चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन सीट बंटवारे पर फैसला लेगा। इंडिया अलायंस सीट शेयरिंग पर बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हम इसे देखेंगे। पहले 5 राज्यों के चुनाव होने दीजिए...।"

विपक्षी गठबंधन की बैठक 6 दिसंबर को जरूर बुलाई गई है लेकिन क्या विपक्ष वाकई एकजुट हो पाएगा। पांच राज्यों के चुनाव में अगर यही एकता दिखाई गई होती तो काफी हद तक नतीजे कुछ और होते लेकिन जब सेमीफाइन मैच में ही विपक्ष एकजुट नहीं है तो फाइनल मैच में वो भाजपा से कैसे मुकाबला कर पाएगी। 6 दिसंबर की बैठक में सबसे पहले विपक्ष को इस रणनीति पर ध्यान देना चाहिए कि वे अपने व्यवहार, बोलचाल, एक्शन में भी एकजुट दिखाई दे।

जेडीयू का हमलाः चुनाव नतीजों का पहला असर यह हुआ कि बिहार में महागठबंधन की प्रमुख पार्टी जेडीयू ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। जेडीयू के महासचिव निखिल मंडल ने रविवार सुबह एक्स (ट्विटर) राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर निशाना साधा। कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करते हुए मंडल ने कहा कि भारतीय गठबंधन का नेतृत्व नीतीश कुमार को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पांच राज्यों के चुनावों में व्यस्त रही और गठबंधन को नजरअंदाज किया, लेकिन उन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और नतीजे सामने हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन के शिल्पी हैं और कठिन परिस्थितियों में भी नैया पार लगा सकते हैं।

अभी सिर्फ जेडीयू का ही बयान आया है। अभी और भी दल कांग्रेस पर हमला बोलेंगे। जिसमें सपा भी शामिल है। अब कांग्रेस को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ेगी, अन्यथा विपक्षी एकता का कोई भी फॉरमूला कामयाब नहीं हो सकता। कांग्रेस को न सिर्फ सीटों की कुर्बानियां देना पड़ेगी, बल्कि उसे लचीला रुख भी अन्य विपक्षी दलों के प्रति अपनाना होगा।

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