कोरोना: दिल्ली के सभी 9 जिले हॉट स्पॉट घोषित, संक्रमण का ख़तरा ज़्यादा
लॉकडाउन पार्ट 2 के दौरान 20 अप्रैल से कुछ जगहों पर छूट मिलने की बात केंद्र सरकार ने कही है। लेकिन देश की राजधानी के लोगों को यह छूट नसीब होना मुश्किल है। इसका पहला कारण तो यह है कि दिल्ली देश के अंदर अकेला ऐसा राज्य है, जहां के सभी जिलों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। दूसरा कारण यह कि सबसे ज़्यादा कंटेनमेंट ज़ोन भी दिल्ली में ही हैं। दिल्ली सरकार ने 57 इलाक़ों को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया है। कंटेनमेंट ज़ोन को रेड ज़ोन भी कहा जाता है। मतलब यह कि यहां कोरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा सबसे ज़्यादा है।
दिल्ली के बाद सबसे ज़्यादा प्रभावित तमिलनाडु है। तमिलनाडु में मदुरै, तूतीकोरिन, चेन्नई, सालेम, कुडालौर, कोयम्बटूर, इरोड, वेल्लौर, तिरूचिरापल्ली, त्रिनुलवेली, त्रिपुर, विरूह नगर सहित 21 जिलों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र में 11 जिलों को, उत्तर प्रदेश में 9 जिलों को और तेलंगाना में 8 जिलों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है।
केंद्र व दिल्ली सरकार की सबसे बड़ी चिंता ये हॉट स्पॉट जिले और कंटेनमेंट ज़ोन वाले इलाक़े ही हैं। इन इलाक़ों में रहने वाले लोगों की दिक्कतें ज़्यादा हैं क्योंकि इन इलाक़ों को पूरी तरह सील किया गया है। ऐसी स्थिति में दूध, सब्जी जैसी ज़रूरी चीजों के लिये यहां के लोगों को बाक़ी जगहों के लोगों से ज़्यादा परेशान होना पड़ रहा है। इन जगहों को सैनिटाइज करने का अभियान जोरों पर है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हॉट स्पॉट वाले इलाक़ों को लेकर बेहद सख़्त है और उसने स्पष्ट कहा है कि राज्य और केंद्र शासित सरकारें उसके द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
ऐसे में कंटेनमेंट ज़ोन की बढ़ती संख्या और सभी जिलों के हॉट स्पॉट बन जाने के कारण दिल्लीवासियों को अभी बहुत दिन तक घरों में ही क़ैद रहना होगा। इस वजह से दिल्ली में मेट्रो के फे़ज 4 का निर्माण कार्य भी रुका है और बाक़ी गतिविधियां भी पूरी तरह ठप हैं। दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा 1,578 हो चुका है और 32 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।