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हत्याओं के लिए पाकिस्तान दोषी, घाटी में ही रहेंगे कश्मीरी पंडित: केंद्र

हत्याओं के लिए पाकिस्तान दोषी, घाटी में ही रहेंगे कश्मीरी पंडित: केंद्र

कश्मीरी पंडितों और आम लोगों की हत्याओं के कारण विपक्षी दलों के निशाने पर आई केंद्र सरकार क्या घाटी से आतंकवाद खत्म कर पाएगी?

कश्मीर में आतंकियों के द्वारा एक के बाद एक की जा रही ताबड़तोड़ हत्याओं के लिए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि शुक्रवार को कश्मीर के मसले पर गृह मंत्रालय में तीन दौर की बैठक हुई। 

इन बैठकों में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनएसए अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह सहित राज्य की सुरक्षा से जुड़े तमाम आला अफसर मौजूद रहे।

इन बैठकों में खुफिया एजेंसी रॉ और आईबी के प्रमुख भी मौजूद रहे। 

एनडीटीवी के मुताबिक, बैठक में यह फैसला लिया गया कि कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा बल्कि उन्हें कश्मीर में ही किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। 

बता दें कि कश्मीरी पंडित और हिंदू समुदाय के लोग उन्हें कश्मीर से जम्मू शिफ्ट किए जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। 

कश्मीर में इस साल अब तक 17 लोगों की टारगेट किलिंग हो चुकी है। मई से अब तक आतंकी एक के बाद एक 8 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं। 

गृह मंत्रालय के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में हुई इन बैठकों में कश्मीर के हालात को लेकर गंभीर चर्चा हुई। एनडीटीवी के मुताबिक, बैठकों में एक आला अफसर ने सरकार से कहा कि कश्मीर में हो रही हिंसा जिहाद नहीं है बल्कि कुछ अलगाववादी तत्वों द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा है। 

तालिबान की मौजूदगी नहीं

अफसरों ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि इस बात के कोई सुबूत नहीं हैं कि कश्मीर घाटी में तालिबान की कोई मौजूदगी है। बता दें कि भारत सरकार ने बीते दिनों तालिबान से बातचीत भी शुरू की है। 

एक आला अफसर के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को कुछ ऐसी बातचीत होने का पता चला है कि पाकिस्तान कश्मीर में हो रही हत्या की घटनाओं को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है और इसलिए बीते दिनों कश्मीर में घुसपैठ तेज हुई है। 

बेहद अहम बैठकों में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर तमाम जरूरी बातों पर चर्चा की गई। कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ ने कहा है कि वह अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्वक नहीं होने देगा। 

टीआरएफ आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का ही हिस्सा है और यह घाटी में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के साथ ही युवाओं को भड़काने, उन्हें रैडिकलाइज करने के काम में जुटा है। 

ताबड़तोड़ वारदात

गुरुवार रात को जम्मू-कश्मीर के बडगाम के चढूरा गांव में आतंकियों ने दो मजदूरों को गोली मार दी। इन में से एक की मौत हो गई। उसकी पहचान दिलखुश कुमार के रूप में हुई है। गुरुवार सुबह ही कुलगाम में एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की आतंकियों ने बैंक में घुसकर हत्या कर दी थी। विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले थे। जबकि 31 मई को कुलगाम के सरकारी स्कूल में टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

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