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शाह ने महंगाई पर कांग्रेस के प्रदर्शन को 'राम मंदिर' से क्यों जोड़ा?

शाह ने महंगाई पर कांग्रेस के प्रदर्शन को 'राम मंदिर' से क्यों जोड़ा?

क्या कांग्रेस का आज का प्रदर्शन महंगाई के ख़िलाफ़ नहीं था? क्या इसके आज के विरोध प्रदर्शन से 'राम मंदिर' से कुछ लेना-देना है? जानिए गृह मंत्री अमित शाह ने क्या आरोप लगाया है।

आज फिर से राम मंदिर का मुद्दा उठा। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने इसका ज़िक्र किया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का आज का प्रदर्शन राम मंदिर विरोध का संदेश देने के लिए और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए था। चौंकिए नहीं! यदि गृह मंत्री अमित शाह के ये आरोप आपके पल्ले नहीं पड़ रहे हैं तो बता दें कि उनका यह बयान कांग्रेस के महंगाई के विरोध प्रदर्शन को लेकर था। दिन भर विरोध प्रदर्शन में भले ही राम मंदिर का कहीं कोई ज़िक्र नहीं आया हो, लेकिन शाम को जब गृह मंत्री ने बयान दिया तो इसमें राम मंदिर का एंगल जुड़ गया।

गृह मंत्री अमित शाह के बयान से आप सहमत हों या न हों, उनका बयान भले ही अटपटा लगे या तार्किक, लेकिन यह है बड़ा रोचक। उनका जो बयान आया है उसमें कहीं भी 'महंगाई' नाम का ज़िक्र नहीं है, जबकि कांग्रेस का पूरा विरोध-प्रदर्शन ही महंगाई और बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन बताया गया। कांग्रेस के विरोध में राम जन्म भूमि का कहीं जिक्र तक नहीं आया, लेकिन शाम को उस पर आरोप इसी को लेकर अमित शाह ने लगाया।

एएनआई से एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, '...हर रोज वो (कांग्रेसी) प्रदर्शन करते हैं। जहाँ तक आज का सवाल है.... मेरा स्पष्ट मानना है कि कांग्रेस ने इसमें हिडेन तरीके से अपनी अपीजमेंट की पॉलिसी को आगे बढ़ाया है। आज ईडी ने किसी भी प्रकार का, न तो किसी को तलब किया है, न पूछताछ की है और न ही रेड हुई है। अचानक ही कांग्रेस ने आज कार्यक्रम दिया विरोध का। मैं तो समझ ही नहीं सकता कि विरोध का कार्यक्रम आज क्यों दिया गया है। हर रोज़ जो विरोध के कार्यक्रम होते थे अपने-अपने ड्रेस में होते थे। आज सभी के सभी लोग काले कपड़े पहनकर विरोध कर रहे थे।'

उन्होंने आगे कहा, 'मैं मानता हूँ कि आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामजन्म भूमि का शिलान्यास किया था। साढ़े पाँच सौ साल पुरानी इस समस्या का बहुत शांतिपूर्ण तरीक़े से समाधान निकला था। कहीं पर भी देश में न तो दंगा हुआ था और न ही हिंसा हुई थी। ...कांग्रेस ने आज का दिन इसीलिए, विरोध के लिए, और विशेषकर काले कपड़ों में विरोध के लिए चुना है कि वो एक शटल मैसेज देना चाहते हैं कि हम रामजन्म भूमि के शिलान्यास का विरोध करते हैं और अपनी तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं।'

अमित शाह के इस तर्क को पता नहीं कितने लोग स्वीकार कर पाएँगे, लेकिन उनके बयान के कुछ देर बाद ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी बयान आ गया। वह भी बिल्कुल गृह मंत्री अमित शाह के बयान से हूबहू मिलता-जुलता।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अभी तक कांग्रेस सामान्य पोशाक में विरोध प्रदर्शन कर रही थी लेकिन आज उन्होंने काले कपड़े पहनकर विरोध किया। यह रामभक्तों का अपमान है। उन्होंने इस दिन को आज के अयोध्या दिवस के रूप में चुना जो राम जन्मभूमि के निर्माण की शुरुआत का प्रतीक है।'

बता दें कि कांग्रेस की घोषणा के अनुसार महंगाई, जीएसटी दरों में बढ़ोतरी, बेरोज़गारी जैसे बड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस शुक्रवार को सड़क पर उतरी। प्रदर्शनों में जो पोस्टर, बैनर थे उसमें भी महंगाई, बेरोजगारी, रसोई गैस की क़ीमतें आदि से सरकार पर निशाना साधा गया था। कांग्रेस सांसदों ने राष्ट्रपति भवन के लिए मार्च निकाला लेकिन उन्हें विजय चौक पर रोक लिया गया। इस मार्च में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित पार्टी के कई सांसद शामिल हुए। सोनिया और राहुल के साथ ही कांग्रेस के सांसद भी काले कपड़े पहन कर मार्च में शामिल हुए। पुलिस ने राहुल गांधी व अन्य कई सांसदों को हिरासत में ले लिया। 

 - Satya Hindi

दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यालय पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री आवास तक मार्च करने का एलान किया था। दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में बैरिकेडिंग लगाई थी और जवानों को तैनात किया था। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता बैरिकेडिंग को तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सभी को क़रीब छह घंटे बाद शाम 7 बजे के बाद हिरासत से छोड़ा गया।

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