हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर लगातार सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर बीजेपी के समर्थकों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार के लिए अनुराग ठाकुर भी जिम्मेदार हैं। समर्थकों ने उन्हें पार्टी में अंदरुनी लड़ाई के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा अनुराग ठाकुर के संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में बीजेपी सभी पांचों सीटें हार गई है।
जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में बीजेपी ने 10 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की है।
इसी तरह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिले बिलासपुर की सभी तीनों सीटों पर भी बीजेपी को जीत मिली है।
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी ने 25 सीटें जीती हैं। 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है।
अनुराग ठाकुर के पिता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को इस बार पार्टी ने चुनाव मैदान में नहीं उतारा था। 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होते हुए भी प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर सीट से हार मिली थी। तब सुजानपुर से हुई धूमल की हार को लेकर कहा गया था कि उन्हें पार्टी के ही नेताओं ने चुनाव हरवा दिया क्योंकि उनकी सीट बदलकर उन्हें हमीरपुर से सुजानपुर भेज दिया गया था।
इसके बाद पार्टी हाईकमान ने जयराम ठाकुर को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। अपने पिता को चुनाव मैदान में नहीं उतारे जाने के बाद चुनाव प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर एक सभा में बेहद भावुक हो गए थे।
हालांकि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की कुछ सीटों पर जीत का मार्जिन बेहद कम रहा है। सुजानपुर सीट पर कांग्रेस को 399 वोटों के अंतर से जीत मिली है जबकि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की एक और सीट भोरंज पर बीजेपी 60 वोटों से चुनाव हारी है। अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर जिले में बीजेपी के प्रत्याशियों को जिताने के लिए बहुत जोर लगाया लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हुए।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की नादौन सीट से प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू से चुनाव जीते हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के लिए बगावत भी एक बहुत बड़ा मुद्दा रही और लगभग 20 सीटों पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ पार्टी नेताओं ने ताल ठोकी।
हिमाचल बीजेपी में गुटबाजी
हिमाचल बीजेपी के बारे में यह जानना जरूरी होगा कि राज्य में पार्टी के 3 बड़े नेताओं के अपने-अपने गुट हैं। पहला गुट निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का है दूसरा गुट बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का है और तीसरा गुट पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का है। क्योंकि इस बार बीजेपी ने प्रेम कुमार धूमल को चुनाव मैदान में नहीं उतारा था इसलिए इस गुट की अगुवाई केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कर रहे थे।
एक गुट पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार का भी हुआ करता था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद शांता कुमार हिमाचल की राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।