हिमाचल प्रदेश में कई विधायकों ने मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की। राज्य में कांग्रेस को इससे बड़ा झटका लग सकता है।
मतदान के दौरान मौजूद कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया कि दो निर्दलीय सहित नौ विधायकों ने अपने मतदान एजेंटों को अपने मतपत्र नहीं दिखाए, जिसकी वजह से अटकलें लगाई गईं कि उन्होंने पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट डाला होगा।
तीन बार पूर्व विधायक और मंत्री रहे महाजन 2022 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कांग्रेस विधायकों से अपनी ''अंतरात्मा'' के अनुसार वोट करने को कहा।
कांग्रेस के फ्लोर मैनेजरों ने दावा किया कि यदि नौ विधायकों ने वास्तव में क्रॉस वोटिंग की तो बराबरी हो सकती है क्योंकि सभी 68 विधायकों ने अपने मत डाले हैं। मंगलवार तक कांग्रेस को तीन निर्दलीय सहित 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त था। बीजेपी के पास 25 विधायक थे।
एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 35 वोटों की जरूरत है, जिसका मतलब है कि कांग्रेस के पास आठ अतिरिक्त वोट थे, और भाजपा को फैसले को पलटने के लिए 10 वोटों की जरूरत थी। बराबरी की स्थिति में, विजेता का फैसला लॉटरी द्वारा किया जाता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हर कांग्रेस मतदाता विधायक पार्टी उम्मीदवार को वोट देगा। उन्होंने शिमला में कहा, ''जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। हमारे पास 40 विधायक हैं...और जब तक विधायकों को नहीं खरीदा जाता, हमें सारे वोट मिलेंगे।"
कांग्रेस की राज्य प्रमुख प्रतिभा सिंह ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और कहा कि 'कांग्रेस के कुछ विधायक सरकार से नाखुश हैं। विधायकों द्वारा नाराजगी दिखाने की संभावना हो सकती है। भाजपा खरीद-फरोख्त के लिए अपने धनबल का इस्तेमाल कर रही है।''
बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने उम्मीद जताई कि पार्टी उम्मीदवार की जीत होगी। ठाकुर ने कहा- “कई कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। सरकार अल्पमत में है।''