जिस हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के उम्मीदवार की राज्यसभा की आसान जीत की संख्या थी वहाँ पर चौंकाने वाला फ़ैसला आया है। कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव जीत लिया है। दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले, महाजन ने टाई-ब्रेकर राउंड में जीत हासिल की। कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनुसिंघवी ने यह हार स्वीकार कर ली है। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के 'चाल, चरित्र और चेहरे' पर गंभीर सवाल उठाए। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राज्यसभा सीट पर बीजेपी की यह जीत तब हुई है जब कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है।
68 सदस्यीय विधानसभा में केवल 25 विधायक होने के बावजूद बीजेपी हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट पर अपने उम्मीदवार को जिताने में कामयाब रही। यह दावा विपक्ष के नेता भाजपा ने किया है।
कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से कहा, 'सबसे पहले, मैं हर्ष महाजन को हार्दिक बधाई देता हूं, उन्होंने जीत हासिल की है। वह मेरी बधाई के पात्र हैं। मैं उनकी पार्टी से कहना चाहूंगा- अपने गिरेबाँ में झाँकें, आत्मनिरीक्षण करें और सोचें। एक 25 सदस्यीय पार्टी 43 सदस्यीय पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करती है, बस एक ही संदेश है- हम बेशर्मी से वह काम करेंगे जिसकी कानून अनुमति नहीं देता।' हार स्वीकार करते हुए सिंघवी ने कहा, 'मैं नौ लोगों (विधायकों) को भी धन्यवाद देना चाहूंगा क्योंकि उन्होंने मुझे मानव स्वभाव, इसकी चंचलता या इसकी दृढ़ता के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। ...मुझे लगता है कि मानवीय चरित्र को समझने में बुरे हैं, वे साफ़ तौर पर मानवीय चरित्र के बेहतर समझते हैं।'
राज्य के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी यही दावा किया है। यह नुकसान कांग्रेस की प्रतिष्ठा के लिए आघात से कहीं अधिक बड़ा हो सकता है। ऐसा इसलिए कि अब अविश्वास मत होने की संभावना है। इससे हिमाचल प्रदेश में पार्टी की सरकार खतरे में पड़ सकती है। हिमाचल उन तीन राज्यों में से एक है जहां पर कांग्रेस सत्ता में है।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया था कि विपक्षी नेता राज्य में मतगणना अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि 5-6 कांग्रेस विधायकों को 'सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के काफिले द्वारा ले जाया गया है'। सुक्खू का दावा मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कई कांग्रेस विधायकों द्वारा भाजपा के लिए क्रॉस वोटिंग करने की खबरों के बीच आया।
सुक्खू सरकार संकट में?
अब कहा जा रहा है कि सुक्खू सरकार पर संकट मँडराने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से कहा, 'हम सही कह रहे हैं कि इस जीत को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के सीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए...सिर्फ एक साल के भीतर ही विधायकों ने उनका साथ छोड़ दिया है।' एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा सूत्रों ने संकेत दिया है कि पार्टी गुरुवार को सुक्खू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। हालाँकि इसकी अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है। समझा जाता है कि छह कांग्रेस विधायकों और पार्टी का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में 40 विधायक कांग्रेस के हैं।
बीजेपी द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर सुक्खू ने कहा, 'जब विधानसभा सत्र शुरू होगा तब देखेंगे। जो लोग गए हैं (क्रॉस वोटिंग) उनसे उनके परिवार वालों द्वारा पूछा जा रहा है कि ऐसा क्यों किया। तो, अगर परिवार उनसे पूछ रहे हैं, तो शायद उनमें से कुछ लोग 'घर वापसी' के बारे में सोचेंगे।'
इससे पहले उन्होंने 5-6 विधायकों को सीआरपीएफ़ व हरियाणा पुलिस द्वारा ले जाए जाने के बारे में आरोप लगाने के दौरान भी पत्रकारों से बात की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस्तीफा देंगे, सुक्खू ने कहा था कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है, चिंता न करें।'