हिमाचल: सुक्खू सरकार बची, बजट पास, विधानसभा अनिश्चितकाल तक स्थगित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में काफी खींचतान और हंगामे के बीच बजट पास हो गया है। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्पीकर ने स्थगित कर दिया है। इससे पहले जब स्पीकर ने 15 भाजपा विधायकों को निष्कासित कर दिया तो भाजपा के 10 विधायकों ने भी सदन का बहिष्कार कर दिया। इस तरह हिमाचल की कांग्रेस सरकार बुधवार को फिलहाल बच गई है। लेकिन सरकार का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। अब अटकले लगाई जा रही हैं कि भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ देर सवेर अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
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सुक्खू सरकार 2024-25 के बजट और सरकार को समेकित निधि से 6,24,21.73 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत हो गई है। बजट को 17 फरवरी को मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर पेश किया था। हालांकि बजट सत्र गुरुवार को खत्म होना था, लेकिन स्पीकर ने उसे एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले बजट ध्वनि मत से पारित किया गया।
मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी थी। इसके कारण 68 सदस्सीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक रहने के बावजूद उसे करारी हार का मुंह देखना पड़ा और मात्र 25 विधायकों वाली भाजपा ने यहां से जीत दर्ज कर ली है।
- हिमाचल प्रदेश से आ रही खबरों में बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के पर्वेक्षकों के समक्ष अपने इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि अगर उनके इस्तीफे से सरकार बचती है तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। अब उनके इस्तीफे पर पार्टी आलाकमान फैसला लेगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में नए नेता का चुनाव हो सकता है।
- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।
- दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के 15 विधायकों को विधानसभा से निष्कासित कर दिया है। निष्कासित होने वालों में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी शामिल हैं। जयराम ठाकुर ने बुधवार सुबह ही राज्यपाल से मिलकर भाजपा विधायकों को सदन से निष्कासित करने की आशंका जताई थी।
- विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार सुबह मंत्रिपरिषद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर ते हुए आरोप लगाया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू-सरकार ने अपने ही विधायकों को कई बार अपमानित किया है। अब अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, विक्रमादित्य ने कहा, कि अब पार्टी आलाकमान को तय करना है कि कांग्रेस हिमाचल में आगे कहां जा रही है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे हैं।
- विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम सुक्खू पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा, सीएम सुक्खू ने कांग्रेस के साथ अनदेखी की है। यहीं वजह है कि कांग्रेस के काफी विधायक उनसे नाराज हैं।
- इस बीच कांग्रेस ने अब हिमाचल प्रदेश के अपने नाराज विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। कांगेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को शिमला भेजा है। ये दोनों नाराज विधायकों से मुलाकात कर उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं। खबर है कि नाराज विधायकों ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से भी बातचीत की है। प्रियंका गांधी ने उन्हें समझाया है बगावत नहीं करें। बागी विधायक मांग कर रहे हैं कि सीएम सुक्खू को बदला जाए।
- दूसरी तरफ अब विपक्षी भाजपा कह रही है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना चाहिए। भाजपा नेता कह रहे हैं कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने जनादेश खो दिया है।
- नेता विपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा के नेता बुधवार की सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिले और कांग्रेस सरकार के शक्ति परीक्षण की मांग की थी। जयराम ठाकुर ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में जब हमारी जीत की संभावना बहुत कम लग रही थी तब हमने जीत हासिल की है। ऐसे में कांग्रेस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
- जयराम ठाकुर और भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से विधानसभा अध्यक्ष की भी शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा के बजट सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का व्यवहार उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं रहा।
- उन्होंने कहा है कि, विधानसभा के अंदर विपक्ष की बातों को सुना नहीं गया। हमारे द्वारा मत विभाजन की मांग को ख़ारिज करके विधान सभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हैं।
- उन्होंने कहा कि, जब विपक्ष के विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलने जा रहे थे तो मार्शल खड़े कर दिए, इस दौरान विधायकों के साथ धक्कामुकी हुई। इन सभी विषयों को लेकर प्रदेश भाजपा विधायक दल के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल जी से भेंट की है।
वहीं द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जयराम ठाकुर ने कहा है कि, बीजेपी को डर है कि विधानसभा अध्यक्ष हमारे विधायकों को सदन से निलंबित कर सकते हैं।
जयराम ने कहा, कांग्रेस ने जनादेश खो दिया
जयराम ठाकुर ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा है कि 'कांग्रेस अब हताश हो गई है। उनकी सरकार हमारी वजह से नहीं बल्कि अपने कामों की वजह से संकट में है। 'मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि कांग्रेस ने जनादेश खो दिया है।विधानसभा में कांग्रेस के पास भारी बहुमत होने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता। फिलहाल, कांग्रेस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। जयराम ठाकुर ने जोर देकर कहा है कि, अगर राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग होती है, तो यह चुनाव आयोग के स्पष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार अमान्य नहीं है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि कांग्रेस ने अपनी ओर से बीजेपी के दावों को खारिज कर दिया है। सीएम सुक्खू ने मंगलवार को कहा था कि, हमने भरोसा नहीं खोया है। हमें 34 वोट मिले और उन्हें 34 वोट मिले। छह कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, जबकि 34 विधायकों ने अपनी ईमानदारी दिखाई।
उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिये गये। लेकिन, उन्होंने चरित्र, नैतिकता और ईमानदारी का परिचय दिया। वे विधायक हमारे साथ हैं। हिमाचल की संस्कृति इसकी (क्रॉस वोटिंग) इजाजत नहीं देती। हिमाचल के लोगों को यह पसंद नहीं है।
यह रिपोर्ट कहती है कि कांग्रेस के पूर्व नेता हर्ष महाजन ने राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए चुनाव में पर्चियों के जरिये जीत हासिल की है, क्योंकि उन्हें और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी दोनों को 68 सदस्यीय विधानसभा में 34-34 वोट मिले थे।
कांग्रेस विधायक राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, दविंदर कुमार भुट्टो और रवि ठाकुर और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, केएल ठाकुर और होशियार सिंह ने महाजन के लिए मतदान किया था।