क़रीब डेढ़ साल पहले कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में घेर कर सत्ता में आने वाली बीजेपी के छोटे से कार्यकाल में ही इसके नेता कथित तौर पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों से घिर गए हैं। यह आरोप विपक्षी दल कांग्रेस ने नहीं, बल्कि कथित तौर पर बीजेपी के अपने ही लोगों ने एक पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लगाया है। फ़िलहाल, पत्र लिखने और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों का पता लगाया जा रहा है और एफ़आईआर भी पहले ही दर्ज की जा चुकी है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री रविन्दर सिंह रवि से पूछताछ भी की गई है। हिमाचल प्रदेश बीजेपी के प्रमुख सतपाल सत्ती ने शनिवार को ही प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर अपनी ही पार्टी के नेता के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है। अब बताया जा रहा है कि बीजेपी में ही इस पर घमासान मचा हुआ है और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बैकफ़ुट पर आ गये हैं।
दरअसल, पिछले दिनों प्रदेश की राजनीति में उस समय सनसनी फैल गई, जब सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो गया। इस पत्र में दो मंत्रियों, मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री का नाम लिया गया है। कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर इस पत्र में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और पूर्व सीएम शांता कुमार का नाम लिया गया है। शायद बात आगे नहीं बढ़ती, लेकिन सरकार के आगे धर्मसंकट उस समय खड़ा हो गया जब इस विवाद में खुद शांता कुमार कूद पड़े और उन्होंने सारे मामले की जाँच करने के लिये सरकार पर दवाब बनाया।
इसी के तहत पालमपुर में पुलिस ने मामला दर्ज किया और पत्र वायरल करने के आरोप में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री रविन्दर सिंह रवि के एक समर्थक को दबोचा, उसके बाद रवि भी पुलिस के रडार पर आ गये और पुलिस ने उनसे लंबी पूछताछ करने के बाद उनका मोबाइल भी जब़्त कर लिया। रवि को पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का क़रीबी माना जाता है। यही वजह है कि माना जा रहा है कि अब प्रदेश में बीजेपी की राजनीति में अंदर ही अंदर बग़ावत का माहौल तैयार होने लगा है। पुलिस की कार्रवाई के बाद रवि ने आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर अपने ही लोगों ने निशाना बनाया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हुए पत्र के बारे में पूछ जाने पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि पत्र को वायरल किया गया है, हमारे ध्यान में जब यह मामला आया तो हमने एफ़आईआर दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और जल्द ही ऐसी घिनौनी चाल चलने वाले लोग बेनकाब होंगे, पत्र किन लोगों ने वायरल किया है, पुलिस इसकी जाँच में जुट गई है।
क्या आरोप लगाया गया है पत्र में
वायरल पत्र में आरोप लगाया गया है कि जेनरिक दवाइयों के नाम पर लंबी लड़ाई लड़ी गई, लेकिन अब इसके नाम पर गड़बड़ी हो रही है। अपने लोगों को सरकारी अस्पतालों में उन दवाइयों का ऑर्डर देने के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा कई अन्य गड़बड़ियों का ज़िक्र भी किया गया है।
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की सरकार कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच करवाने के बजाए, पत्र को लिखने वाले और इसको सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के ख़िलाफ़ जाँच करने में जुटी हुई है। अब इसका नतीजा जो कुछ भी आए, पर इतना तो तय है कि हिमाचल प्रदेश बीजेपी के नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।