आंध्र प्रदेश में हिजाब पर बैन नहीं, फिर भी लोयला कॉलेज विजयवाड़ा में हिजाबी छात्राओं को रोका गया
हिजाब विवाद अब आंध्र प्रदेश भी पहुंच गया है। हालांकि आंध्र प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पर किसी तरह का बैन नहीं है। लेकिन विजयवाड़ा के प्रतिष्ठित लोयला कॉलेज में आज जब छात्राएं हिजाब में पहुंचीं तो उन्हें कॉलेज में आने से रोक दिया गया।
लोयला कॉलेज में पढ़ने वाली हिजाबी छात्राएं शुरू से ही हिजाब में कॉलेज आती थीं। लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने आज अचानक ही हिजाबी छात्राओं को रोकने का फैसला किया। जैसे ही छात्राएं कॉलेज गेट पर पहुंचीं, वहां खड़े कॉलेज प्रबंधन के लोगों ने कहा कि वे हिजाब उतारकर ही अंदर जा सकती हैं। इन छात्राओं को पहले से कोई सूचना या नोटिस नहीं दिया गया था कि वे कॉलेज में हिजाब पहनकर नहीं आ सकती हैं।
लोयला कॉलेज की इन छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन से बहस भी की। उन्होंने पूछा कि किस नियम या कानून के तहत उन्हें रोका जा रहा है। कॉलेज ने उनसे कहा कि वो कॉलेज की तय यूनिफॉर्म में ही जा सकती हैं। लड़कियों ने कहा कि यूनिफॉर्म तो उन लोगों ने पहन रखी है। कॉलेज ने कहा कि यह हिजाब अतिरिक्त है, इसे उतारना होगा।
लोयला कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स ने हिजाबी छात्राओं का समर्थन किया। उन्होंने भी कॉलेज गेट पर कहा कि यह मनमानी है। हम मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से मांग करते हैं कि वो फौरन इस मामले में हस्तक्षेप करें। इस संबंध में मीडिया के लोगों ने लोयला कॉलेज के प्रबंधन से अचानक हिजाब बैन करने की वजह पूछी गई लेकिन कॉलेज की ओर से अभी तक कोई वजह नहीं बताई गई है। कॉलेज की ओर से कहा गया कि हमने उनकी एंट्री नहीं रोकी है लेकिन उनसे कॉलेज के ड्रेस कोड का पालन करने को कहा गया है। वे सिर्फ यूनिफॉर्म में ही कॉलेज आ सकती हैं।
#Karnataka hijab row fallout, Student of prestigious Andhra Loyola college of Vijayawada alleges not allowed entry inside in #Hijab, college denied the allegation, say dress code norms for all, students only allowed inside the classroom in uniform. #AndhraPradesh #HijabRow pic.twitter.com/h7Kmkk8s8U
— Aashish (@Ashi_IndiaToday) February 17, 2022
लोयला कॉलेज विजयवाड़ा का प्रतिष्ठित कॉलेज माना जाता है। यहां पर धार्मिक आधार पर कभी भी भेदभाव करने की सूचना नहीं आई थी। लेकिन हिजाब में लड़कियों को इस तरह रोकने की घटना पहली बार हुई है।
कर्नाटक की शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पर सरकारी प्रतिबंध लगने के बाद दक्षिण भारत के किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में हिजाब पर रोक लगाने की यह पहसी घटना है। अभी तक राजनीतिक दल ही इसके समर्थन और विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हिजाब बैन किए जाने की कोई घटना किसी भी स्कूल-कॉलेज में नहीं घटी थी।
#Hijab protest reaches Kadapa, Andhra Pradesh.
— Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) February 12, 2022
This gathering of radical forces is a result of continuous appeasement of CM @ysjagan.
BJP won't tolerate this. We are committed to fight against these anti-national fundamentalists.#NoHijabOnlyKitab#UniformCivilCode pic.twitter.com/UuNABbU2u5
कर्नाटक में सरकारी शिक्षा अधिनियम-1983 के 133 (2) के तहत हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि कपड़े की एक समान शैली अनिवार्य रूप से पहनी जानी चाहिए। निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद की यूनिफॉर्म चुन सकता है। कर्नाटक सरकार ने कहा था कि छात्रों को कॉलेज विकास समिति या प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों के प्रशासनिक बोर्ड की अपीलीय समिति द्वारा चुनी गई पोशाक पहननी होती है, जो कि पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के अंतर्गत आता है।
सरकारी आदेश में कहा गया था, "प्रशासनिक समिति द्वारा वर्दी का चयन न करने की स्थिति में समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।" बसवराज बोम्मई सरकार ने कहा था कि ये निर्देश "सभी छात्रों के लाभ" के लिए था। कर्नाटक के उड्डुपी की 7 की मुस्लिम छात्राओं ने राज्य की शिक्षण संस्थाओं में हिजाब बैन को अदालत में चुनौती दी। कर्नाटक हाईकोर्ट में अभी इसकी सुनवाई चल रही है। कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियां हिजाब में सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं। आंध्र प्रदेश में लोयला कॉलेज की घटना के बाद देशभर में इस मुद्दे पर आंदोलन की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।