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हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह ने हमास के टॉप नेताओं से बैठक की

हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह ने हमास के टॉप नेताओं से बैठक की

इजराइल-हमास युद्ध के बीच ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह ने बेरूत में हमास के बड़े नेताओं के साथ बैठक की है। इसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है। इससे युद्ध में तेजी आ सकती है। हिजबुल्लाह लेबनान की सुरक्षा करता है और वहां की सरकार में भी शामिल है। लेबनान में ईसाई हुकूमत है। अमेरिका, इजराइल और उसके समर्थक देश हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन मानते हैं।

रॉयटर्स ने हिजबुल्लाह के अल-मनार टीवी के हवाले से खबर दी है कि लेबनान के हिजबुल्लाह प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह ने फिलिस्तीनी लड़ाके गुटों हमास और इस्लामिक जिहाद के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद कहा गया कि उन्होंने आकलन किया है कि उनके गठबंधन को "वास्तविक जीत हासिल करने के लिए" क्या करना चाहिए। अल मनार टीवी ने खबर का शीर्षक लगाया है- S. Nasrallah Discusses “Actions to Be Taken” with Hamas, Islamic Jihad Leaders

अल-मनार की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में हिजबुल्लाह के सैयद हसन नसरल्लाह, हमास के उप प्रमुख सालेह अल-अरौरी और इस्लामिक जिहाद प्रमुख ज़ियाद अल-नखला शामिल थे। अमेरिका ने ईरान समर्थित गुटों के सक्रिय होने की आशंका पहले ही भांप ली थी, इसलिए वो पिछले एक हफ्ते से ईरान को लगातार चेतावनी दे रहा था कि वो इस युद्ध में हस्तक्षेप नहीं करे, वरना नतीजे घातक होंगे। ईरान ने भी इन बयानों का जवाब दिया। लेकिन हिजबुल्लाह और हमास नेताओं की बैठक ने हलचल मचा दी है।

अल-मनार ने ईरान, फिलिस्तीनी लड़ाका समूहों, सीरिया, लेबनान के हिजबुल्लाह और अन्य गुटों के गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि "बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन रहे हालात का आकलन किया गया और प्रतिरोध के लिए क्या रणनीति अपनाई जानी चाहिए, इस पर विचार किया गया।"

जेरूशलम पोस्ट ने ईरान समर्थित अल मायदीन टीवी के हवाले लिखा है- बैठक लड़ाका समूहों के बीच लगातार "तालमेल" बनाए रखने से संबंधित है। हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर एक बड़ा हमला किया था। हिजबुल्लाह पिछले हफ्तों में इजराइल पर दर्जनों मिसाइलें और रॉकेट दागकर लड़ाई में शामिल हो चुका है, जिसकी शुरुआत 8 अक्टूबर को गोलान हाइट्स/लेबनानी सीमा पर शेबा फार्म क्षेत्र में रॉकेट और गोले दागने से हुई थी।

बैठक के बारे में रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिजबुल्लाह के नेता ने अन्य दो हमास नेताओं का स्वागत किया। बैठक में कब्जे वाले फिलिस्तीन के साथ लेबनानी सीमा पर चल रहे टकराव और ऑपरेशन 'अल-अक्सा फ्लड' की शुरुआत के बाद से गजा पट्टी में हाल की घटनाओं और उसके बाद हुए घटनाक्रम की समीक्षा की गई।

जेरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक इस नजरिए से महत्वपूर्ण है कि ईरान पिछले कई वर्षों इज़राइल के खिलाफ सभी मोर्चों को "एकजुट" करना चाह रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी गुटों के सरगनाओं ने "जीत" हासिल करने के तरीकों पर चर्चा की।ऐसा लगता है कि यह पहले की तुलना में बड़े स्तर पर ऑपरेशन को एकजुट होकर चलाने का प्रयास है। इजराइल पर पिछले हमलों से पहले हमास, हिजबुल्लाह, पीआईजे और ईरान इसी तरह की बैठकों के लिए लेबनान में मिलते रहे हैं, लेकिन वे रोजाना तालमेल बनाने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

इस बीच हिजबुल्लाह कार्यकारी परिषद के प्रमुख सैय्यद हशेम सफीद्दीन ने लेबनान बॉर्डर का दौरा किया, और सभी मोर्चों पर इजराइल का सामना करने के लिए प्रतिरोध की तैयारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि "इजराइल अभी भी हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है और हमारे अस्तित्व को खतरे में डाल रहा है। गाजा और अल अक्सा की सुरक्षा हमारा प्रमुख मुद्दा है। जिसे हम नहीं छोड़ सकते।

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