ईडी के 4 अधिकारियों के खिलाफ हेमंत सोरेन ने रांची में दर्ज कराई एफआईआर
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को ईडी के अधिकारियों के खिलाफ रांची के एस-एसटी थाना में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें ईडी के रांची जोनल कार्यालय के चार अधिकारियों को उन्होंने नामजद किया है।
जिन अधिकारियों के खिलाफ उन्होंने नामजद एफआईआर दर्ज करवाई है उनके नाम कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल है। अपनी शिकायत में उन्होंने ईडी के अज्ञात अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है।
प्राप्त खबर के मुताबिक अपनी इस शिकायत को दर्ज कराते हुए हेमंत सोरेन ने लिखा है कि अनुसूचित जनजाति के सदस्य और साहिबगंज विधानसभा के जनप्रतिनिधि के रूप में वह ईडी के इन चार अधिकारियों के खिलाफ यह शिकायत कर रहे हैं।
उन्होंने रांची के एससी-एसटी थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर को लिखी अपनी शिकायत में कहा है कि 30 जनवरी को जब वह रांची पहुंचे तब मीडिया के द्वारा उन्हें मालूम हुआ कि ईडी के अधिकारियों ने उनको और उनके समाज को परेशान करने और उनकी प्रतिष्ठा को कम करने के लिए नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन और 5/01, शांति निकेतन स्थित उनके आवास पर छापेमारी की थी।
उन्होंने लिखा है कि इस हरकत से वे और उनका परिवार मानसिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक तौर पर परेशान हुआ है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे में इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
हेमंत सोरेन ने यह एफआईआर दर्ज करवा कर संकेत दे दिया है कि वह ईडी के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं।
दरअसल मामला 30 जनवरी की सुबह मीडिया मेें यह चर्चा जोरशोर से चल रही थी कि झारखंड के सीएम गायब हैं और वह कहां हैं इसका कोई पता नहीं है। इस खबर ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी। भाजपा के नेता भी इसको लेकर सीएम हेमंत सोरेन पर हमलावर हो गए थे। लेकिन तमाम अटकलों पर विराम तब लगा जब सीएम दोपहर में रांची में पहुंचे और विधायक दल की बैठक ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 29 जनवरी की सुबह ईडी की टीम दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास शांति निकेतन पहुंची थी। ईडी को खबर मिली थी कि हेमंत सोरेन दिल्ली में हैं। यहां हेमंत सोरेन जब नहीं मिले तब ईडी की टीम ने घर के भीतर मिले दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया और कई दस्तावेजों को जब्त किया है।
ईडी की टीम ने इस दिन सुबह से लेकर रात तक रही। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम उनका इंतजार करती रही। इस आवास से ई़डी ने हेमंत सोरेन की बताई जा रही एक बीएमडब्ल्यू कार को जब्त किया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस आवास से ईडी ने 36 लाख रुपये कैश भी जब्त किया था।
जमीन घोटाला मामले में ईडी ने की पूछताछ
दूसरी तरफ झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन से बुधवार को ईडी ने घंटे पूछताछ की है। ईडी उनसे कथित जमीन घोटाला मामले में यह पूछताछ कर रही है। उनसे पूछताछ के लिए ईडी के 7 अधिकारियों की टीम बुधवार दोपहर 1.15 बजे सीएम आवास पर पहुंची थी। खबर लिखे जाने तक शाम करीब 5.30 बजे तक पूछताछ जारी थी।इससे पहले ईडी ने इस केस में उनसे 20 जनवरी को भी सीएम आवास पर आकर पूछताछ की थी। उनसे हो रही इस पूछताछ को देखते हुए झारखंड की राजधानी रांची में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ईडी कार्यालय, सीएम आवास और राजभवन के आसपास धारा 144 लगाई गई है। उनसे हो रही इस पूछताछ के खिलाफ उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा या झामुमो के कार्यकर्ता रांची में प्रदर्शन कर रहे हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन का आरोप है कि ईडी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है और उन्हें परेशान करने के लिए बार-बार पूछताछ की जा रही है। हेमंत सोरेन कई बार कह चुके हैं कि वह ईडी से नहीं डरते हैं और भाजपा लाख कोशिश कर ले लेकिन वह उन्हें डरा नहीं पाएगी।
कल्पना सोरेन बन सकती है नई सीएम
जमीन घोटाले में घिरे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी का शिकंजा बढ़ता ही जा रहा है। 31 जनवरी को भी ईडी हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगा कर ईडी उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।इस आशंका को देखते हुए हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मुश्किल स्थिति से निकलने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार होने की स्थिति में हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड का सीएम बनवा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तब कल्पना सोरेन झारखंड की पहली महिला सीएम हो सकती हैं।
हेमंत सोरेन ने अपनी पार्टी के साथ ही गठबंधन के सहयोगी विधायकों को भी राजधानी रांची में बुला लिया है। खबर है कि विधायकों की सहमति लेकर जरूरत पड़ने पर हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन का नाम सीएम पद के लिए घोषित कर सकते हैं। मंगलवार को विधायकों के साथ हुई हेमंत सोरेन की बैठक में भी कल्पना मौजूद थीं।
माना जा रहा है कि विधायक दल को हेमंत सोरेन ने अपना निर्णय बता दिया है। हेमंत सोरेन की कोशिश है कि उनके गिरफ्तार होने की स्थिति में भी झामुमो की सरकार स्थिर रहे। कल्पना सोरेन को सीएम बना कर हेमंत अपनी सरकार को बचा सकते हैं साथ ही सरकार पर अपना नियंत्रण रख सकते हैं।
उनकी गिरफ्तारी से पहले अगर नए सीएम का ऐलान नहीं हुआ तब झारखंड में राजनैतिक अस्थिरता आ सकती है। इसका फायदा उठाकर भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर सकती है। अगर राष्ट्रपति शासन लगा तो इससे झामुमो को बड़ा झटका लग सकता है।
ऐसे में सवाल उठता है क्या कल्पना सोरेन झारखंड की सीएम बन सकती हैं। सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि क्या हेमंत सोरेन की पार्टी उनके प्रस्ताव को मंजूर करेगी? क्या हेमंत के परिवार में ही उनके इस फैसले का विरोध नहीं होगा? वह फिलहाल विधायक भी नहीं है तो भी क्या सीएम बन सकती हैंं?
वह बिना विधायक बने भी 6 माह तक सीएम बनी रह सकती हैं, इसलिए वह तुरंत सीएम बन सकती हैं। उनके सीएम बनने में एक बाधा हेमंत सोरेन का परिवार हो सकता है। उनके भाई और भाभी इसका विरोध कर सकते हैं लेकिन फिलहाल वह इतने ताकतवर नहीं हैं कि कल्पना सोरेन को सीएम बनने से रोक सकें। झामुमो में भी कोई ऐसा नेता नहीं है जो खुलकर हेमंत सोरेन के फैसले का लिरोध करे। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर हेमंत सोरेन चाह ले तो कल्पना सोरेन को सीएम बनने से कोई नहीं रोक सकता है।