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यूपी-बिहार में भीषण लू; तीन दिनों में 90 लोगों की मौत

यूपी-बिहार में भीषण लू; तीन दिनों में 90 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश और बिहार में भीषण लू से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। पिछले तीन दिनों में इन दो राज्यों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। जानिए क्या है वजह और कहाँ क्या है स्थिति।

पिछले तीन दिनों में उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अस्पताल में कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों का दावा है कि ये मौतें जिले में गर्मी के बीच अलग-अलग कारणों से हुईं। डॉक्टरों का कहना है कि भीषण गर्मी भी इसमें से एक कारण हो सकती है। रिपोर्टों के अनुसार 400 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। राज्य के अन्य जिलों से भी मौत की ऐसी ख़बरें आई हैं। इधर बिहार में भी अलग-अलग जिलों में क़रीब 40 लोगों की मौत हो गई है।

बढ़ते तापमान के बीच बलिया की ख़बर बेहद गंभीर है। डॉक्टरों का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ रही है। मौतों में अचानक वृद्धि हुई है। मरीजों को बुखार, साँस लेने में तकलीफ और अन्य समस्याओं के साथ अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। अस्पताल में बेड भर गए हैं। जिला अस्पताल में इतनी भीड़ है कि मरीजों को स्ट्रेचर तक नहीं मिल पा रहा है और कई अटेंडेंट अपने मरीजों को कंधे पर उठाकर इमरजेंसी वार्ड में ले जाते दिखे।

उत्तर प्रदेश में प्रचंड लू चल रही है और अधिकांश स्थानों पर तापमान 40 डिग्री के पार देखा जा रहा है। अस्पताल में तीन दिनों की स्थिति काफ़ी ज़्यादा ख़राब दिखती है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 15 जून को 154 लोगों को बलिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 23 की मौत हो गई थी, 16 जून को 137 लोगों को भर्ती किया गया और 20 ने दम तोड़ दिया, जबकि 17 जून को 11 लोगों की मौत की सूचना मिली थी। रिपोर्ट के अनुसार मौतों के कारणों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक स्तर के दो अधिकारियों की अध्यक्षता में एक जांच समिति बलिया भेजी गई।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बलिया जिला अस्पताल में हीटस्ट्रोक के कारण 34 लोगों की मौत होने की बात कही गई थी, लेकिन अब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को 'उचित जानकारी के बिना हीटवेव से हुई मौतों पर लापरवाह बयान देने' के लिए उनके पद से हटा दिया गया। 

शनिवार को हटाए गए सीएमएस डॉ. दिवाकर सिंह ने शुक्रवार शाम एक बयान में कहा था कि लू लगने से 34 लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा था, 'सभी मृतक बुजुर्ग थे और उन्हें कोई बीमारी थी। गर्मी के कारण, वे बीमारियाँ बढ़ गईं और उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया और इलाज और जाँच के दौरान उनकी मौत हो गई।'

लेकिन अब रिपोर्टों के अनुसार लखनऊ से एक टीम जाँच के लिए जा रही है कि कहीं कोई ऐसी बीमारी तो नहीं है जिसका पता नहीं चल रहा है। ज्यादा गर्मी या सर्दी होने पर सांस के मरीज, डायबिटीज के मरीज और ब्लड प्रेशर के मरीज को खतरा बढ़ जाता है।

बिहार में भी हीटवेव

बिहार में भी बढ़ते तापमान के बीच भीषण लू चल रही है। राज्य भर में अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में 30-40 लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। मौसम विभाग ने लू को देखते हुए बिहार के गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, रोहतास जैसे जिलों में सलाह जारी की है कि लोग सुबह दस बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक घरों से बाहर नहीं निकलें। हीट स्ट्रोक का ख़तरा है। बिहार में अधिकतम तापमान 44-45 डिग्री तक पहुँच गया है। पटना में 24 जून तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसी ही एहतियात बरती जा रही है।

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