कोरोना- देश में 33 फ़ीसदी पॉजिटिव केस तब्लीग़ी जमात से जुड़े: स्वास्थ्य विभाग
देश में कोरोना वायरस के जितने भी पॉजिटिव मामले आए हैं उनमें से क़रीब 33 फ़ीसदी तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में जुटी भीड़ से जुड़े रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में यह कह गया है। शनिवार देर शाम को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार तब तक आए 3072 पॉजिटिव मामलों में से 1023 मामलों का संबंध किसी न किसी रूप में तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम से रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि उन सभी 17 राज्यों में संपर्क ट्रेसिंग जारी है जहाँ से लोग तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। इन 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तमिलनाडु, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड और अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
लव अग्रवाल ने कहा, 'हमारे यहाँ मामले के दोगुने होने की दर अधिकांश देशों की तुलना में कम है, लेकिन मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहता हूँ कि एक व्यक्ति द्वारा एक विफलता हमें काफ़ी पीछे धकेल देगी।'
मार्च महीने के मध्य में तब्लीग़ी जमात के निज़ामुद्दीन स्थित मुख्यालय पर एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। कोरोना वायरस के कारण बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर रोक के बावजूद यह कई दिनों तक चलता रहा। स्वास्थ्य मामलों के मंत्रालय के अनुसार तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों में 2000 से ज़्यादा विदेश से आए थे। जब कार्यक्रम ख़त्म हुआ तो क़रीब 800 से ज़्यादा लोग देश के दूसरे हिस्से में चले गए। बता दें कि सरकार ने तीन दिन पहले ही तब्लीग़ी जमात के 1320 ऐसे विदेशी लोगों को ब्लैकलिस्टेड किया है जिन्होंने वीजा के नियमों का उल्लंघन किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे लोगों का पर्यटन वीजा रद्द कर दिया था फिर भी वे देश में आए थे।
बता दें कि दुनिया भर के देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण विदेशों से आए लोगों से ही फैला है। संक्रमण को देश में आने से रोकने के लिए भारत ने विदेश से आने वालों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे। विदेश से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही थी और उन्हें क्वरेंटाइन किया जा रहा था। लेकिन इसके बावजूद देश में कोरोना का संक्रमण फैल गया।