कथित भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने रविवार को दावा किया कि हाथरस में भगदड़ इसलिए हुई क्योंकि 15-16 लोगों के ग्रुप ने धार्मिक आयोजन के दौरान जहर छिड़क दिया था। वकील ने दावा किया कि भगदड़ होने के बाद साजिश करने वाले कार्यक्रम स्थल से भाग गये।हाथरस में पिछले हफ्ते भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।
पीटीआई के मुताबिक वकील एपी सिंह ने कहा कि भगदड़ सुनियोजित थी। वकील ने कहा- "एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। साजिश में 15-16 लोग शामिल थे। अनुमति ली गई थी। अनुमति के साथ नक्शा संलग्न था। भगदड़ के स्थान पर कुछ अज्ञात वाहन थे। 10-12 लोगों ने जहर छिड़क दिया।" वकील ने पीटीआई से दावा किया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि महिलाएं गिर रही थीं और कई की सांस रुकने के कारण मौत हो गई। वे मौके से भाग गए। सीसीटीवी फुटेज को जब्त किया जाना चाहिए, ताकि उन वाहनों की पहचान की जा सके।''
शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोजकों ने अधिकतम 80,000 लोगों की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम की अनुमति ले ली थी। हालाँकि, सभा में 2.5 लाख से अधिक लोग शामिल हुए।
हालांकि घटना के फौरन बाद मौके पर पहुंचे पत्रकारों को पीड़ित लोगों ने बताया कि भगदड़ तब हुई जब भोले बाबा के समर्थक उस रास्ते से मिट्टी इकट्ठा करने के लिए दौड़ पड़े जिस पर वो बाबा चलकर गया था। कुछ लोगों ने मीडिया को बताया था कि बाबा अपने सत्संग में बार-बार प्रलय आने का जिक्र कर रहा था। उसने जब माइक छोड़ा तो यही बोला था कि प्रलय आ रही है। उसके बाद भगदड़ की घटना सामने आई। तमाम पीड़ितों ने टीवी चैनलों के सामने बयान दिया कि एफआईआर बाबा के खिलाफ होना चाहिए जो हमे छोड़कर भाग गया।
बाबा क्या बोला
शनिवार को, सूरज पाल जाटव उर्फ "भोले बाबा" ने हाथरस भगदड़ पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा था कि अराजकता पैदा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उसने कहा था कि "मैं 2 जुलाई की घटना से बहुत दुखी हूं। भगवान हमें इस दर्द को सहन करने की शक्ति दे। कृपया सरकार और प्रशासन पर विश्वास रखें। मुझे विश्वास है कि अराजकता पैदा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मेरे वकील " एपी सिंह के जरिए मैंने समिति के सदस्यों से शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहने और जीवन भर उनकी मदद करने का अनुरोध किया है।''
पुलिस ने भोले बाबा की जगह मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को बनाया, जिसने पिछले हफ्ते विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वकील एपी सिंह ने कहा है कि वह बाबा के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर नहीं करेंगे क्योंकि उनके मुवक्किलों ने कुछ भी गलत नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जस्टिस (रिटायर्ड) ब्रिजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया है। पैनल ने जनता से घटना और भगदड़ की वीडियो रिकॉर्डिंग भेजने को कहा है। पैनल को अगले दो महीने में जांच पूरी करने को कहा गया है। भगदड़ के मामले में अब तक मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।