हरियाणा में कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बिश्नोई ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद बिश्नोई ने ट्वीट कर नड्डा और शाह की जमकर तारीफ भी की।
कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लंबे वक्त से हरियाणा की सियासत में हैं। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार अजय माकन के खिलाफ वोट किया था। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
बिश्नोई को सभी पदों से बर्खास्त करते हुए कांग्रेस वर्किंग कमेटी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की थी।
भजनलाल के बेटे हैं बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं और बीजेपी के साथ जाने पर राज्य में गैर जाट वोट बैंक को पार्टी के साथ लाने में अहम रोल अदा कर सकते हैं। हरियाणा के साथ ही राजस्थान में भी बिश्नोई समुदाय का कई सीटों पर असर है। कुलदीप बिश्नोई राजस्थान में बिश्नोई समाज के असर वाले इलाकों में भी सक्रिय दिखाई देते हैं।
कुलदीप बिश्नोई के आने से बीजेपी को हिसार, सिरसा व फतेहाबाद के इलाकों में सियासी बढ़त मिल सकती है। कुलदीप बिश्नोई भिवानी और हिसार से लोकसभा के सांसद रहे हैं और चार बार विधायक भी रह चुके हैं।
कांग्रेस में किया था विलय
भजनलाल हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे थे और 2007 में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाई थी। हरियाणा जनहित कांग्रेस ने बीजेपी के साथ गठबंधन भी किया था लेकिन साल 2014 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया था और 2016 में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया था।
कुलदीप के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनकी आदमपुर सीट पर उपचुनाव होगा। कुलदीप बिश्नोई इस सीट पर अपने बड़े बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़ा सकते हैं। भव्य बिश्नोई 2019 में हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। कुलदीप बिश्नोई को मनोहर लाल खट्टर सरकार में भी जगह मिल सकती है।
नाराज थे बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष न बनाए जाने के कारण नाराज चल रहे थे और उन्होंने अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार भी किया था। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का वक्त मांगा था लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी।
कुलदीप बिश्नोई क्या करेंगे, यह लगभग साफ है लेकिन उनके भाई और हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन भी क्या इसी राह पर आगे बढ़ेंगे, यह देखना होगा।