राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान जैसा ही हाल हरियाणा कांग्रेस में भी है। यहां चार विधायक नया रायपुर के रिजॉर्ट में नहीं पहुंचे हैं। इन सभी विधायकों को यहां तक लाने की जिम्मेदारी हरियाणा से राज्यसभा के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को दी गई थी।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे हैं और हरियाणा कांग्रेस संगठन की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी उदय भान को सौंपी गई है।
कांग्रेस हाईकमान के द्वारा राज्य में फ्री हैंड दिए जाने के बाद राज्यसभा की सीट को जिताने की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ही है।
कार्तिकेय शर्मा ने बढ़ाई परेशानी
हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव होना है लेकिन यहां कांग्रेस की चिंता पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और एक टेलीविजन चैनल के मालिक कार्तिकेय शर्मा के मैदान में आने की वजह से बढ़ गई है। इससे कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन की सीट पर खतरा पैदा हो सकता है।
इसे देखते हुए कांग्रेस ने गुरुवार रात को ही अपने सभी विधायकों को दिल्ली से छत्तीसगढ़ भेज दिया था। लेकिन चार विधायक जिनमें किरण चौधरी, चिरंजीव राव, रेनू बाला और कुलदीप बिश्नोई शामिल हैं, ये अभी तक रिजॉर्ट में नहीं पहुंचे हैं। किरण चौधरी ने सेहत खराब होने, चिरंजीव राव ने जन्मदिन का कार्यक्रम होने, रेणु बाला ने व्यक्तिगत कारण को रिजॉर्ट में न पहुंचने की वजह बताया है जबकि कुलदीप बिश्नोई पहले से नाराज चल रहे हैं।
बाकी विधायकों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रिजॉर्ट तक छोड़ कर आए हैं लेकिन इन गायब विधायकों को लेकर पार्टी की चिंता बढ़ रही है। रिजॉर्ट के बाहर जबरदस्त सुरक्षा की गई है और कोई भी बाहर का शख्स इन विधायकों से नहीं मिल सकता।
कुलदीप बिश्नोई नाराज
वरिष्ठ विधायक कुलदीप बिश्नोई ने यह कहकर पार्टी की चिंता बढ़ा दी है कि वह राज्यसभा चुनाव में अपनी मर्जी से वोट डालेंगे ना कि किसी के निर्देश पर। उन्होंने सभी से अपनी मर्जी से वोट डालने की भी अपील की है। कुलदीप बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज हैं और साथ ही उन्हें राज्यसभा में भी नहीं भेजा गया, इसे लेकर भी उनके नाराज होने की खबर हरियाणा के सियासी गलियारों में है।
बिश्नोई ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की उनसे मुलाकात नहीं हो जाती वह और उनका कोई भी समर्थक कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लेगा।
क्या है हरियाणा का गणित?
90 सीटों वाली हरियाणा की विधानसभा में बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं।
कार्तिकेय शर्मा को राज्य में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया है। जननायक जनता पार्टी के पास 10 विधायक हैं।
31 वोटों की जरूरत
एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 31 वोटों की जरूरत है। बीजेपी अपने एक उम्मीदवार को आसानी से चुनाव जिता सकती है जबकि इसके बाद उसके पास 9 वोट और बचेंगे। जेजेपी के पास क्योंकि 10 विधायक हैं। सात विधायक निर्दलीय हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और इनेलो के अभय चौटाला भी विधायक हैं।
इन सभी का समर्थन अगर कार्तिकेय शर्मा जुटा लेते हैं तो उनके पास 28 वोट हो जाएंगे। अगर कांग्रेस कुलदीप बिश्नोई को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई और कांग्रेस के दो-तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की तो कार्तिकेय शर्मा की राह आसान हो जाएगी लेकिन अजय माकन की राह मुश्किल हो जाएगी।
राज्यसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस पहले से ही परेशान है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हरियाणा से बाहरी नेताओं को टिकट देने को लेकर पार्टी में नाराजगी है तो पवन खेड़ा और नगमा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवार न बनाए जाने पर नाखुशी जताई है।