हरियाणा: जीत के मुग़ालते में रही बीजेपी, जनता ने खिसका दी ज़मीन

12:10 pm Oct 25, 2019 | पवन उप्रेती - सत्य हिन्दी

'आप' को मिले वोट।

नोटा को मिले वोट।

बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई है। हरियाणा के चुनावी दंगल में निर्दलीयों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्हें सात सीटों पर जीत मिली है। ग़ैर जाट वोटों के दम पर हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने का सपना पाले बैठे बीजेपी के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी को भी जनता ने नकार दिया और वह ख़ुद अपनी ही सीट से चुनाव हार गये। इसके अलावा पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी को सिर्फ़ 1 सीट पर जीत मिली है। 

हरियाणा का चुनाव परिणाम स्पष्ट रूप से कहता है कि पिछले पाँच सालों के दौरान कई मौक़ों पर बिगड़ी हुई क़ानून व्यवस्था से पैदा हुई नाराजगी के ख़िलाफ़ लोगों ने वोट दिया है। चाहे संत रामपाल की गिरफ़्तारी के दौरान हुई हिंसा हो या 2016 में जाट आरक्षण के दौरान हुई आगजनी और लूटपाट, दोनों ही मामलों मे दंगाइयों से निपटने में खट्टर सरकार पूरी तरह विफल रही। हरियाणा में लोगों ने किसानों की समस्याओं, बेरोज़गारी, घटते निवेश जैसे मुद्दों को समझा और बताया कि उन्होंने राष्ट्रवाद के नहीं जनता के मुद्दों पर वोटिंग की है।