राजधानी दिल्ली से सटे गुड़गाँव में प्रशासन द्वारा तय खुली जगह पर नमाज़ पढ़ने से रोकने का मुद्दा थम नहीं रहा है। उस जगह गोवर्धन पूजा करने और उसमें बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के भाषण के बाद इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
मुसलमानों ने माँग की है कि उनके ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण करने वालों पर कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकार से ज़मीन की माँग की है, जहाँ मसजिद बनाई जा सके और वे वहाँ नमाज अदा कर सकें।
बता दें कि गुड़गाँव के 22 दक्षिणपंथी संगठनों की शीर्ष संस्था संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति ने शुक्रवार को नमाज की जगह गोवर्धन पूजा की, जिसमें बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और हरियाणा बीजेपी के प्रवक्ता सूरज पाल अमू ने भी शिरकत की। इसके बाद विश्व हिन्दू परिषद के एक स्थानीय नेता ने कहा कि 'जो लोग इस जगह नमाज पढना चाहते हैं वे पाकिस्तान चले जाएं।'
भड़काऊ भाषण
स्थानीय मुसलमानों ने गुड़गाँव मुसलिम कौंसिल के बैनर तले उपायुक्त से मुलाक़ात की और माँग की कि सेक्टर 12 'ए' में 5 नवंबर को जिन लोगों ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कहीं, उन पर कार्रवाई की जाए।
पूर्व राज्यसभा सदस्य मुहम्मद अदीब ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा,
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जिस जगह नमाज़ पढ़ी जाती थी, उस जगह कुछ बाहरी लोग पहुँच गए और मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कहीं व आपत्तिजनक नारे लगाए, लेकिन उनके ख़िलाफ़ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। इससे समुदाय के लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं।
मुहम्मद अदीब, पूर्व सदस्य, राज्यसभा
मसजिद के लिए ज़मीन
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने प्रशासन से गुजारिश की है कि मुसलमानों को सरकार ज़मीन दे या इसकी अनुमति दे कि वे खुद ज़मीन खरीद लें और उस पर मसजिद बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय मुसलमान प्रशासन की ओर से तय जगह पर नमाज़ अदा करते आए हैं, पर अब उन्हें ऐसा करने से रोका जा रहा है।
गुड़गाँव मुसलिम कौंसिल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाक़ात का समय भी माँगा है।
हिन्दू संगठनों की सभा
मामला क्या है?
बता दें कि गुड़गाँव प्रशासन की ओर से 37 ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है, जहाँ मुसलमानों को शुक्रवार की नमाज़ पढ़ने की इजाज़त है। अक्टूबर के अंतिम हफ़्ते में नमाज़ियों का विरोध करने पर पुलिस ने 30 लोगों को हिरासत में ले लिया था। लगातार विरोध के बाद गुड़गांव के प्रशासन ने 37 में से 8 जगहों पर नमाज़ के लिए दी गई इजाज़त को वापस ले लिया था।
ताज़ा विवाद इस पर है कि कपिल मिश्रा ने वहाँ मौजूद हिंदू संगठनों के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 'शाहीन बाग की तरह यहाँ भी सड़कों को जाम न किया जाए।' उन्होंने कहा कि 'गुड़गाँव के लोगों ने दिखाया है कि हमें सड़कों पर चलने, अस्पताल जाने की आज़ादी चाहिए।'
पाकिस्तान?
विहिप के नेता सुरेंद्र जैन ने पिछली बार गिरफ़्तार किए गए 26 लोगों की तारीफ़ की और उन्हें धर्म योद्धा बताया। उन्होंने कहा,
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यह दूसरा पाकिस्तान नहीं बनेगा, जो लोग सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ अदा करना चाहते हैं, वे पाकिस्तान जा सकते हैं। नमाज़ के लिए सड़कों को बंद करना जिहाद है और यह आतंकवाद है।
सुरेंद्र जैन, नेता, विश्व हिन्दू परिषद
'गुड़गाँव तो झाँकी है'
इस दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने 'जय श्री राम' और 'गुड़गाँव तो बस झाँकी है, पूरा देश बाकी है' के नारे लगाए थे। कुछ और नेताओं ने कहा कि 'आने वाले दिनों में किसी भी सार्वजनिक जगह पर नमाज़ नहीं पढ़ने दी जाएगी।'
गुड़गाँव में जुमे के नमाज़ के सार्वजनिक जगहों पर पढ़े जाने के विरोध की पहली घटना 2018 में हुई थी। इसके बाद मुसलिम समुदाय, हिंदू समुदाय और प्रशासन के अफ़सरों के बीच लंबी बातचीत हुई थी और नमाज़ पढ़ने के लिए 37 जगहों का चयन किया गया था। उसके बाद से मुसलिम समुदाय के लोग इन जगहों पर नमाज़ अदा करते आ रहे थे और दो साल तक मामला शांत रहा था।
लेकिन बीते कुछ हफ़्तों से एक बार फिर से दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों ने सेक्टर 12-A और सेक्टर 47 में नमाज़ पढ़ने वाले लोगों का विरोध शुरू कर दिया।