मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर बागी तेवर दिखाए हैं। मलिक ने कहा है कि किसानों को यह सीखना चाहिए कि वह अपना राज बनाएं, अपनी सरकार बनाएं ताकि मांगना ना पड़े बल्कि लोग उनसे मांगें। पत्रकारों से बातचीत में मलिक ने कहा कि आपातकाल के बाद जब सरकार बदली थी तब कोई बैनर नहीं था और लोग खुद ही खड़े हो जाते हैं।
मलिक हरियाणा के जींद में कंडेला व माजरा खाप की ओर से आयोजित स्वागत कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आपको यह लगेगा कि नए लोग खड़े हुए हैं, नई पार्टियां खड़ी हुई हैं और वही जीतेंगी और उनकी ही सरकार बनेगी।
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में की क्या वे किसान आंदोलन की अगुवाई करेंगे तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा कर सकते हैं लेकिन उनका खुद से यह कहना ठीक नहीं होगा। लेकिन जो भी अगुवाई करेगा, वह उनके साथ शामिल हो जाएंगे।
मलिक ने कहा कि उनके राज्यपाल के कार्यकाल का अब सिर्फ 8 महीने का वक्त और बचा है और इसके बाद वह पूरे उत्तर भारत में प्रचार करेंगे और इनको भगाएंगे। इनको से उनका मतलब साफ तौर पर बीजेपी से था। उन्होंने कहा कि उन्हें पद जाने का कोई डर नहीं है।
मलिक का इस दौरान कई खापों के चौधरियों ने जोरदार स्वागत किया। मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जब किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे तो प्रधानमंत्री ने उनकी कोई बात नहीं सुनी।
किसान बेल्ट में होगा असर?
सत्यपाल मलिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाके से आते हैं और इस इलाके में किसान आंदोलन बेहद मजबूत रहा था। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पश्चिम में चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। सत्यपाल मलिक ने सक्रिय राजनीति में लौटने की बात कही है और उन्हें राजनीति में कई दशकों का लंबा अनुभव है। अगर वह बीजेपी के खिलाफ कोई अभियान शुरू करेंगे तो निश्चित रूप से इसका पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान की किसान बेल्ट में खासा असर हो सकता है।
यहां सवाल यह भी है कि मलिक के लगातार हमलों के बाद भी मोदी सरकार उन्हें राज्यपाल के पद से हटाने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रही है।
हमलावर रहे हैं मलिक
कुछ दिन पहले सत्यपाल मलिक का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन के मामले में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो थोड़ी देर में उनका उनसे झगड़ा हो गया था।
‘अकल मार रखी है’ वाला बयान
मलिक के मुताबिक़, मोदी ने उनसे कहा था कि वे अमित शाह से मिल लें लेकिन जब वे शाह से मिले तो उन्होंने कहा कि इसकी अकल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो और मिलते रहो।
मलिक का यह बयान सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ था। कांग्रेस के भी तमाम नेताओं ने इस बयान के वीडियो को ट्वीट किया था।
सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के दौरान लगातार कुछ न कुछ ऐसा बोलते रहे जिससे बीजेपी और मोदी सरकार की खासी किरकिरी हुई थी।
1 साल तक चले किसानों के आंदोलन के बाद मोदी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था। इसके अलावा किसानों की कई और मांगों को भी केंद्र सरकार ने मान लिया था।
मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह आंदोलनकारी किसानों की मांगों को मान ले वरना यह सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान यह भी कहा था कि बीजेपी का कोई नेता उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर के किसी गांव में नहीं घुस सकता।
मलिक के निशाने पर बीजेपी के पूर्व महासचिव और आरएसएस के नेता राम माधव भी रहे थे।