लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी या जेजेपी का गठबंधन टूट गया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर और उनके मंत्रिमंडल ने आज राज्य के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंपा दिया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास पहुंचे। खबर है कि भाजपा अब हरियाणा में नए सिरे से सरकार बनाएगी।
सामने आयी जानकारी के मुताबिक जेजेपी लोकसभा चुनाव में भाजपा से 2 सीट मांग रही थी, जबकि भाजपा एक भी सीट नहीं देना चाहती। ऐसे में सीटों के बंटवारे का विवाद इतना बढ़ा कि अब गठबंधन में दरार आ चुकी है।
सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर भाजपा का हरियाणा और केंद्र दोनों का नेतृत्व एकमत है कि जेजेपी को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं दी जाएगी और सभी 10 सीट पर भाजपा अपना उम्मीदवार उतारेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गठबंधन टूटने की खबर के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार की देर रात और मंगलवार सुबह अपने विधायकों के साथ आपात बैठक की थी। इन बैठक में सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय भी शामिल हुए थे।
राज्य भाजपा के आक्रामक रूख को देखते हुए दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा था लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। सूत्रों ने मंगलवार सुबह ही दावा किया था कि मनोहर लाल खट्टर इस्तीफा दे सकते हैं, इस्तीफे के बाद वह फिर से शपथ ग्रहण कर सकते है। इससे नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा। इस बीच खबर है कि राजभवन में भी गहमागहमी तेज हो गई है।
दोनों दलों ने आज अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार मंगलवार को बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है, क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव दोनों के गठबंधन पर दबाव डाल रहे हैं। बीजेपी और जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) दोनों के शीर्ष नेतृत्व ने अपने-अपने विधायकों की अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं।इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने आवास पर सभी बीजेपी मंत्रियों की बैठक लेंगे। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि हरियाणा सरकार की संपूर्ण कैबिनेट में भी फेरबदल हो सकता है। अब नए कैबिनेट में जेजेपी का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा। बताया जा रहा है कि बीजेपी मंत्रिमंडल में जगह देकर कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन लेगी।
सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे के मुद्दें पर दोनों दलों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है और स्थिति गठबंधन टूटने तक आ गई है। लोकसभा चुनाव में जेजेपी भाजपा से हरियाणा की 10 में से 2 सीट मांग रही है। वहीं हरियाणा में भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि 2019 में भाजपा ने अकेले अपने दम पर हरियाणा का 10 में से सभी 10 सीटें जीती थी। ऐसे में भाजपा जेजेपी को 2 सीट क्यों दे।
दोनों दलों के बीच पिछले चुनाव में गठबंधन नहीं था। 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत से जब दूर रही तब उसने जेजेपी के साथ गठबंधन किया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को नई दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। जहां कथित तौर पर उन्हें बताया गया कि पार्टी उनके साथ कोई लोकसभा सीट साझा नहीं करेगी।
मंगलवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दुष्यंत की निर्धारित बैठक नहीं हो पाई। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब की अध्यक्षता में मंगलवार को भाजपा विधायकों की बैठक सीएम खट्टर के आवास पर होगी।
वहीं दूसरी ओर दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में जेजेपी विधायकों की नई दिल्ली में मंगलवार को बैठक होगी, जहां पार्टी आगे की रणनीति तैयार करेगी। फिलहाल, हरियाणा सरकार में जेजेपी के तीन मंत्री हैं। इसमें दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम हैं और इनके अलावा अनूप धानक और देवेंदर सिंह बबली मंत्री हैं।