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हरियाणाः भाजपा को झटका, जेजेपी का खुला ऐलान- हम भी 10 पर लड़ेंगे

हरियाणाः भाजपा को झटका, जेजेपी का खुला ऐलान- हम भी 10 पर लड़ेंगे

हरियाणा भाजपा-जेजेपी गठबंधन है और सरकार चल रही है। लेकिन जेजेपी ने आज गुरुवार को ऐलान किया कि वो राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा। हालांकि इससे पहले अमित शाह ने हरियाणा में जाकर कहा था कि भाजपा हरियाणा में सभी 10 सीटों पर लड़ेगी। इस राजनीति को समझिएः

हरियाणा में भाजपा और उसके गठबंधन के सदस्य जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच दरार पैदा हो गई है। हाल ही में अमित शाह ने घोषणा की थी कि भाजपा हरियाणा की सभी 10 सीटों पर लड़ेगी और जीतेगी। लेकिन आज 22 जून को जेजेपी नेता और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी सभी 10 सीटों पर लड़ेगी।

दुष्यंत चौटाला ने आज गुरुवार को भिवानी में संवाददाताओं से कहा, "न तो हम भाजपा को रोक सकते हैं, न ही भाजपा हमें रोक सकती है।" उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भी सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने और जीतने की तैयारी कर रही है।

जेजेपी नेता की टिप्पणी इस सप्ताह सिरसा में एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के बाद आई, जहां उन्होंने हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने की भाजपा की क्षमता पर विश्वास जताया था। शाह की सिरसा रैली का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के 300 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद व्यक्त करते हुए भाजपा के लिए समर्थन जुटाना था।

क्या जाट वोट बांटने के लिए आया है बयानः अमित शाह के बाद अचानक ही दुष्यंत चौटाला का बयान एक रणनीति की तरफ इशारा कर रहा है। महिला पहलवानों के मुद्दे पर हरियाणा के जाट भाजपा से बेहद निराश हैं। ऐसे में वो जाट नेतृत्व वाले दल को ही 2024 में वोट डालेंगे। हरियाणा में विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ ही या आसपास हो सकते हैं। दुष्यंत चौटाला के फैसले से यह होगा कि जाट मतदाताओं के पास भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस और अजय चौटाला-दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी होगी। जाट वोट बंट सकते हैं। इससे भाजपा को सीधे फायदा होगा। हालांकि भाजपा यह रणनीति फेल भी हो सकती है। ऐसा नहीं है कि हरियाणा के जाटों को यह आसान सा गणित समझ नहीं आएगा। कुल मिलाकर जाट वोटों के मामले में हरियाणा की कांग्रेस फायदे में है।

दुष्यंत का बयान 2019 से हरियाणा पर शासन कर रहे भाजपा-जेजेपी गठबंधन के भविष्य पर अटकलों के बीच आया है। भाजपा उस वर्ष विधानसभा चुनावों में बहुमत से पीछे रह गई, 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में से 40 सीटें जीतीं, और उसके बाद जेजेपी के समर्थन से सरकार बनाई, जिसने 10 सीटें जीती थीं। 

गठबंधन के भीतर प्रतिस्पर्धी माहौल की ओर इशारा करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा, "हम 10 में से 10 सीटों के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।" उपमुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि उनके पिता डॉ. अजय चौटाला भिवानी से एक सीट पर दावेदार हो सकते हैं।

बढ़ते जुबानी टकराव के बावजूद, चौटाला ने जोर देकर कहा कि गठबंधन सरकार मजबूती से चल रही है और आगे भी चलती रहेगी। उन्होंने इस लचीलेपन का श्रेय जेजेपी के वोट बैंक की लगातार वृद्धि को दिया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी की स्थापना के बाद से इसमें वृद्धि हो रही है।

दुष्यंत ने दावा किया कि "जेजेपी के गठन के बाद से हमारा वोट बैंक लगातार बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य अगले एक साल में 40 फीसदी वोट हासिल करना है। गठबंधन में सरकार मजबूती से चल रही है और चलती रहेगी। संगठन की मजबूती के कारण , न तो हम भाजपा को रोक सकते हैं और न ही भाजपा हमें रोक सकती है।  

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जींद से चुनाव प्रचार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि "छोटी पार्टियां" जेजेपी को कमजोर करने के लिए क्षेत्र में अभियान चला रही हैं।

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