हरियाणाः राहुल गांधी ने बदला चुनाव का रुख, भाजपा में पैनिक, फिर से मोदी उतरेंगे
भाजपा जब कागज पर किसी चुनाव का नक्शा खिंचती है तो इस ढंग से पेश करती है कि चुनाव तो चुटकियों में जीत लेगी। हरियाणा में आम आदमी पार्टी की चर्चित एंट्री, जेजेपी-भीम आर्मी के चंद्रशेखर का समझौता, इनेलो और बसपा का गठबंधन, इस तीन चुनावी तस्वीरों के सामने आने पर राजनीतिक पंडित कांग्रेस के लिए इसे फंसा हुआ चुनाव मान रहे थे। लेकिन राहुल गांधी ने अकेले दम पर इस चुनाव का रुख बदल दिया है। राहुल ने फिर से भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा का हाथ मिलवा दिया है। परेशान भाजपा अब मोदी को हरियाणा में अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में फिर से उतारने जा रही है। लेकिन राहुल ने अपनी पूरी ताकत शुरू से नहीं लगाई, बल्कि जब आधा चुनाव प्रचार हो गया तो वो अपनी रणनीति के जरिये मैदान में आये। उससे पहले इस बात की खूब चर्चा रही कि राहुल हरियाणा क्यों नहीं आ रहे हैं।
… जननायक श्री @RahulGandhi जी के संग जनता जनार्दन …
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) September 30, 2024
In the streets of #Ambala today👇🏼
✋🏻✌🏻#हरियाणा_विजय_संकल्प_यात्रा #Haryana pic.twitter.com/R9QcEi4BGu
राहुल गांधी का अंबाला में रोड शो हो चुका है और जब उनकी कुरूक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में यह यात्रा चुनावी सभाओं के साथ आगे बढ़ रही है तो लोग पुलों और घरों की छत पर खड़े होकर दूर से राहुल के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। उनके साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी हैं, जो अंबाला से उनके साथ ही चल रही हैं। अंबाला में राहुल प्रियंका ने जो भाषण दिये, वो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो चुके हैं।
हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषकों ने राहुल की पिछली दो रैलियों और सोमवार से शुरू हुई विजय संकल्प यात्रा के बाद इस चुनाव को दो तरफा यानी भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला घोषित कर दिया है। हालांकि कई चुनावी सर्वे में कांग्रेस की बढ़त बताई गई थी लेकिन उस समय राजनीतिक विश्लेषक बाद में यह जोड़ देते थे कि फिर कांग्रेस के लिए यह चुनाव अभी भी फंसा हुआ है। दलित मतदाता इस चुनाव में इनलो और जेजेपी को वोट देंगे। आम आदमी पार्टी को मजबूती के साथ पेश किया जा रहा था।
कांग्रेस की राजनीति पर बारीक नजर रखने वाले पत्रकार आदेश रावल ने सोमवार को कहा- चुनाव नज़दीक आ रहा है। हरियाणा में मुक़ाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच सिकुड़ता जा रहा है। यानी चुनाव अब दो पार्टियों के बीच हो रहा है। यह बीजेपी के लिए चिंता का विषय है। बीजेपी ने बहुत कोशिश की कि चुनाव त्रिकोणीय हो लेकिन इनेलो, जेजेपी, बसपा, आप और निर्दलीय नाकाम रहे। निर्दलियों की संख्या में भी पहले के मुक़ाबले गिरावट आ रही है।
डॉ अरुणेश कुमार यादव ने लिखा है- हरियाणा में इस बार बीजेपी की सारी चालाकी फेल हो चुकी है, इस बार कांग्रेस भारी अंतर से जीतेगी।
अडानी की सरकार नहीं बनने देंगे
राहुल गांधी ने हरियाणा में फिर से अडानी का मुद्दा उछाला और कहा कि अडानी की सरकार नहीं बनने देंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह देखना जरूरी है कि गरीबों और आम लोगों की जेब में कितना पैसा जा रहा है और कितना बाहर जा रहा है। उन्होंने कहा, ''आपको यह पूछना होगा कि क्या आपकी जेब से ज्यादा पैसा जा रहा है या आपकी जेब में ज्यादा आ रहा है। अडानी जी के बारे में सोचो। वह सुबह उठते हैं, वह खेत में काम नहीं करते, वह हल नहीं चलाते, वह कोई छोटा-मोटा काम नहीं करते, अच्छा खाना खाते हैं, आलीशान घर में रहते हैं और हर सुबह, 24 घंटे, उनके बैंक खाते में पैसा ऐसे आता है, जैसे सुनामी आती है। हालाँकि, आप लोगों के बैंक खातों से पैसा "तूफान की तरह" निकल रहा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जहां किसानों, गरीबों और मजदूरों के हितों की रक्षा करती है, वहीं भाजपा बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाती है।राहुल ने हरियाणा में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए इसे पहला कदम बताया। उन्होंने कहा, "यहां बदलाव होगा लेकिन जब दिल्ली में सरकार आएगी तो मैं जानना चाहता हूं कि गरीबों की जेब में कितना पैसा जा रहा है और उनकी जेब से कितना पैसा निकल रहा है। मैं इसे छोड़ने वाला नहीं हूं।" विपक्ष के नेता ने यह भी दावा किया कि हरियाणा में चुनाव लड़ रहे छोटे दल भाजपा के प्रतिनिधि हैं और उनके द्वारा रिमोट से नियंत्रित होते हैं। उन्होंने कहा कि लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। उन्होंने कहा, ''यह विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ न्याय है और दूसरी तरफ अन्याय है।'' उन्होंने कहा कि मोदी हरियाणा में बड़े उद्योगपतियों का पक्ष ले रहे हैं। राहुल ने कहा, "यह मोदी जी की सरकार नहीं है। यह अडानी की सरकार है। हम हरियाणा में अडानी जी जैसे लोगों की सरकार नहीं बनने देंगे। हम हरियाणा में किसानों और गरीबों की सरकार चाहते हैं।"
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया और सवाल किया कि राज्य को भाजपा प्रशासन से क्या मिला। उन्होंने बीजेपी पर महिलाओं, खिलाड़ियों और सैनिकों का अपमान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में, किसानों ने देश के साथ जो कुछ भी किया, उसके बावजूद उन्हें पीटा गया और उन पर लाठियां बरसाई गईं। उन्हें एमएसपी नहीं दिया गया।" प्रियंका ने महिला पहलवानों जिक्र करते हुए कहा कि हम कैसे भूल जाएं कि कैसे उन्हें सड़क पर बैठाया गया। उन्होंने कहा, "अगर आपको न्याय चाहिए तो इस सरकार को उखाड़ फेंकिए। इस सरकार को हटाइए। आपको इस सरकार से कुछ नहीं मिला। संविधान ने आपको सम्मान दिया। संविधान ने आपको अधिकार दिये हैं। आप उन्हें बदल दीजिए जो संविधान बदलने की बात करते हैं।'
हुड्डा-शैलजा का हाथ मिलवाया
राहुल गांधी ने हरियाणा में पिछले दिनों पहली रैली असंध में की थी। यह शैलजा के प्रभाव वाला क्षेत्र है। असंध में रैली के स्टेज पर राहुल ने अपने अगल-बगल शैलजा और हुड्डा को बैठाया। राहुल ने सोमवार को अंबाला में यही चीज दोहराई लेकिन अंबाला में जब सब लोग एकजुटता के लिए खड़े हुए तो उन्होंने अपने हाथों से दोनों के हाथ मिलवाये। दरअसल, शैलजा टिकट वितरण से नाराज थीं। लेकिन जैसे ही राहुल गांधी का दौरा शुरू हुआ तो उन्होंने भी कांग्रेस के लिए प्रचार शुरू कर दिया। इसे राहुल की अच्छी पहल माना जा रहा है।इस 3 सेकेंड के विडियो को देखिए और
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) September 30, 2024
और राहुल गांधी की कोशिश को समझिए 👇 pic.twitter.com/wfiY0bDl4Z