हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच ने कहा है कि उस पर चुप रहने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। महिला कोच ने इस बात का भी दावा किया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मामले में जांच को प्रभावित कर रहे हैं। बताना होगा कि महिला कोच ने आरोप लगाया था कि संदीप सिंह ने पिछले साल फरवरी से लेकर नवंबर तक उसका उत्पीड़न किया, उसे सोशल मीडिया पर लगातार मैसेज भेजे, गलत ढंग से छुआ और धमकाया।
इस मामले में हरियाणा सरकार की ओर से बनाई गई एसआईटी के सामने पेश होने के बाद महिला कोच ने यह गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह एसआईटी को सब कुछ विस्तार से बता चुकी हैं और उन पर चुप रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
महिला कोच ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें कुछ ऐसे फोन आए हैं जिनमें उनसे कहा गया है कि वह देश छोड़ दें और जिस देश में चाहती हैं वहां चली जाएं और इसके लिए उन्हें हर महीने 1 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
महिला कोच ने दावा किया कि हरियाणा पुलिस उन पर दबाव बना रही है। पीड़िता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान को सुना है और वह खुद संदीप सिंह का पक्ष ले रहे हैं। बता दें कि खट्टर ने मंगलवार को कहा था कि आरोप लगाने से कोई व्यक्ति दोषी नहीं हो जाता, चंडीगढ़-हरियाणा पुलिस मामले की छानबीन कर रही है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता के मुताबिक, चंडीगढ़ पुलिस ने उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जबकि हरियाणा पुलिस ऐसा कर रही है।
गिरफ्तारी क्यों नहीं
महिला के कोच दीपांशु बंसल ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने अब तक संदीप सिंह को गिरफ्तार नहीं किया है और ना ही उनसे कोई पूछताछ की है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पुलिस संदीप सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है। संदीप सिंह को अभी तक एक बार भी एसआईटी ने नहीं बुलाया है जबकि महिला कोच को 4 बार बुलाया जा चुका है।
महिला कोच ने कहा था कि बर्दाश्त की सीमा बाहर होने के बाद ही उसने लोगों के सामने इस मामले को रखा और काफी समय तक वह चुप रही।
इस मामले में धनखड़ खाप के नेता महिला कोच के पिता के साथ हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर चुके हैं और न्याय दिलाने की मांग की है।
मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए
इस मामले में सोमवार को हुई 12 धनखड़ खाप की पंचायत में खट्टर सरकार से मांग की गई थी कि संदीप सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और पीड़िता को न्याय दिलाया जाए। खाप पंचायत में शामिल हुए नेताओं ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
खाप पंचायत में शामिल नेताओं ने कहा है कि संदीप सिंह को मंत्रिमंडल से हटाया जाना जरूरी है क्योंकि मंत्री पद पर बने रहने की वजह से वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
जबकि इनेलो के नेता और विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि इस मामले में हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी सिर्फ मंत्री को बचाने के लिए है।
पीड़िता के द्वारा यह कहना कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मामले में जांच को प्रभावित कर रहे हैं, निश्चित रूप से बेहद गंभीर बयान है। देखना होगा कि एसआईटी की जांच में क्या मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ लगे आरोप सही साबित होते हैं या फिर उन्हें क्लीन चिट मिलती है।