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हरियाणाः चुनाव अंतिम चरण में, भाजपा-कांग्रेस में असंतुष्टों की बाढ़, कई निष्कासित

हरियाणाः चुनाव अंतिम चरण में, भाजपा-कांग्रेस में असंतुष्टों की बाढ़, कई निष्कासित

हरियाणा में चुनाव अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मतदान में पांच दिन बचे हैं। लेकिन भाजपा में माहौल उठापटक वाला चल रहा है। पार्टी में असंतुष्ट अपने आलाकमान (मोदी-शाह) की कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं। चुनाव के अंतिम चरण में भाजपा आलाकमान ने 8 नेताओं पर कार्रवाई की है। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस में भी अमन चैन नहीं है। कांग्रेस ने 13 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

हरियाणा में मतदान को 5 दिन बचे हैं लेकिन भाजपा अपने अंदरुनी हालात से निपट नहीं पा रही है। नेताओं और पार्टी में तालमेल टूटता जा रहा है। इस वजह से पीएम मोदी की रैलियों का सिलसिला आगे नहीं बढ़ पाया। भाजपा ने आठ बागियों को पार्टी से निष्कासित किया है। इन्हें 6 साल के लिए निकाला गया है। हालांकि इन लोगों ने जब नामांकन दाखिल किया था, तभी यह कार्रवाई होनी चाहिए थी लेकिन पार्टी ने अब अंतिम चरण में कार्रवाई की है। भाजपा नेता संदीप गर्ग ने तो लाडवा में सीधे  मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ पर्चा दाखिल किया था। प्रदेश भाजपा अध्य़7 मोहन लाल बडोली ने एक बयान में कहा कि सूची में पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला भी शामिल हैं। हालांकि रणजीत पहले ही पार्टी को नमस्ते कर चुके हैं। लेकिन पार्टी उन्हें निष्कासित करने की घोषणा कर दी।

लाडवा के संदीप गर्ग के अलावा 6 निष्कासित नेता हैं जिले राम शर्मा, जो असंध सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य सफीदो से, राधा अहलावत महम से, नवीन गोयल गुड़गांव से, और केहर सिंह रावत हथीन से और पूर्व विधायक देवेंद्र कादयान।

रणजीत चौटाला ने रानिया से टिकट नहीं मिलने के बाद पार्टी छोड़ने का फैसला किया था, जिस सीट का उन्होंने एक स्वतंत्र विधायक के रूप में विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया था। मई-जून के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने हिसार से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।

लाडवा से भाजपा के बागी संदीप गर्ग ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट को खतरे में डाल दिया है। गर्ग वहां मजबूती से लड़ रहे हैं। हालांकि जब नायब को लाडवा से प्रत्याशी घोषित किया गया था तो उन्होंने लाडवा से लड़ने में बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन अंत में उन्हें लाडवा से ही लड़ने के लिए कहा गया। लेकिन वो अब विपरीत हालात का सामना कर रहे हैं। उनके समर्थन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रैली करने भी आये लेकिन फिलहाल नायब सिंह सैनी को कोई मदद नहीं मिल पाई है।

कांग्रेस में भी असंतुष्ट सक्रिय

कांग्रेस को भी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में इसने अपने बागी उम्मीदवार चित्रा सरवारा को निष्कासित कर दिया, जो भाजपा के पूर्व मंत्री अनिल विज के खिलाफ अंबाला छावनी में निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा कांग्रेस ने स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ने के फैसले पर "पार्टी विरोधी गतिविधियों" के लिए 13 नेताओं को निष्कासित कर दिया।

जिन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें नरेश धांडे (गुहला एससी सीट), प्रदीप गिल (जींद), सज्जन सिंह ढुल्ल (पुंडरी), सुनीता बट्टन (पुंडरी), राजीव मामूराम गोंदर (नीलोखेड़ी-एससी), दयाल सिंह सिरोही ( नीलोखेड़ी-एससी), विजय जैन (पानीपत ग्रामीण), दिलबाग सांडिल (उचाना कलां), अजीत फोगाट (दादरी), अभिजीत सिंह (भिवानी), सतबीर रतेरा (बवानी खेड़ा-एससी), नीटू मान (पृथला) और अनिता ढुल बड़सीकरी ( कलायत)। 

पार्टी के कई नेता थे जो 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिए जाने से नाराज थे, लेकिन बाद में पार्टी उनमें से अधिकांश को मनाने में कामयाब रही। कांग्रेस के लिए, वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री संपत सिंह ने पर्चा दाखिल करने के बाद नलवा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया था, जबकि एक अन्य नेता राम किशन 'फौजी' भी बवानी खेड़ा क्षेत्र से दौड़ से हट गए थे। लेकिन जो चुनाव मैदान से नहीं हटे, उन पर अब कार्रवाई की गई है।

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