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हरियाणाः इनेलो 53 और बसपा 37 सीटों पर मिलकर लड़ेंगे, अभय CM चेहरा

हरियाणाः इनेलो 53 और बसपा 37 सीटों पर मिलकर लड़ेंगे, अभय CM चेहरा

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी ने औपचारिक रूप से सीटों पर समझौते की घोषणा कर दी। इनैलो ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी है, जिसे उनके बेटे अभय चौटाला संभाल रहे हैं। अभय और बसपा के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की गुरुवार की मुलाकात के बाद सीटों की घोषणा की गई। इससे पहले अभय चौटाला ने बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की थी। मायावती ने इस गठबंधन की अनुमति दी थी।

हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव में आईएनएलडी यानी इनैलो और बीएसपी के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा गुरुवार को चंडीगढ़ के पास मोहाली में की गई। यह घोषणा मुख्य रूप से सीटों पर समझौते को लेकर की गई। पिछले हफ्ते मायावती ने गठबंधन की अनुमति दी थी। इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला और बीएसपी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने इस मौके पर कहा कि अन्य समान विचारधारा वाले सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से भी हम हाथ मिलाएंगे। आकाश आनंद ने कहा कि बसपा-आईएनएलडी गठबंधन का सीएम चेहरा अभय सिंह चौटाला होंगे।

दोनों नेताओं ने कहा कि इनेलो कुल 90 विधानसभा सीटों में से 53 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बसपा शेष 37 सीटों पर लड़ेगी। दोनों नेताओं ने संयुक्त घोषणापत्र के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।

इनेलो-बसपा के लुभावने वादे

दोनों दलों के घोषणापत्र में कॉन्ट्रैक्ट रोजगार नियम को खत्म करना और स्थायी नौकरियों की पेशकश करना, राज्य भर में सोलर एनर्जी स्थापित करना शामिल था ताकि किसी को भी बिजली बिल के रूप में 500 रुपये से अधिक का भुगतान न करना पड़े। संयुक्त घोषणापत्र में मुफ्त पानी, प्रति माह 7,500 रुपये की वृद्धावस्था पेंशन, युवाओं को 21,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता, हर घर में एक व्यक्ति को नौकरी, मुफ्त गैस सिलेंडर और पुरानी पेंशन योजना के कार्यान्वयन का भी वादा किया गया है।

अनुसूचित जाति के लिए क्या हैं वादेः दोनों दलों के घोषणापत्र में एससी नौकरियों का बैकलॉग खत्म करना, एससी परिवारों को 100 गज के प्लॉट, एससी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग, एससी और बीसी छात्रों के लिए 10वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा, एमबीबीएस में एससी और बीसी छात्रों का कोटा बढ़ाना और अनिवार्यता वापस लेना। सामान्य वर्ग के लिए भी बांड का वादा किया गया है।

इनेलो और बसपा ने गुरुवार को अपने एक्शन से साबित कर दिया कि वे हरियाणा चुनाव में बेहद गंभीरता से उतरने जा रहे हैं। लेकिन दोनों के पास संगठन की ताकत राज्य में नहीं है। हाल के लोकसभा चुनाव में इनेलो को 1.87 फीसदी और बसपा को 1.27 फीसदी वोट मिला था। जो कांग्रेस और भाजपा के मुकाबले कहीं नहीं बैठता। लेकिन दुष्यंत चौटाला की जेजेपी इससे भी गई गुजरी हालत में है। इनेलो और बसपा पहले भी गठबंधन करके चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन कभी कोई खास प्रभाव नहीं जमा पाए। 

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