कोरोना टीका पर केंद्र-राज्य आमने-सामने, स्वास्थ्य मंत्री ने किया हमला
ऐसे समय जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है और रोज़ाना कोरोना संक्रमण की संख्या रिकॉर्ड ऊँचाई पर है, केंद्र और कुछ राज्य सरकारें आमने-सामने आ गई हैं और एक दूसरे को निशाने पर ले रही हैं। कुछ राज्यों ने जहाँ 18 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को कोरोना टीका देने की बात कही है और केंद्र से और अधिक खुराक देने की माँग की है, केंद्र सरकार ने राज्यों पर मामले का राजनीतिकरण करने और झूठ फैलाने के आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने महाराष्ट्रस और छत्तीसगढ़ सरकारों की तीखी आलोना करते हुए उन पर मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने और लगातार 'गोल पोस्ट बदलने' यानी नए-नए मामले उठाने के आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आधिकारिक तौर पर यह माना है कि टीका की आपूर्ति सीमित है और इसे देने के लिए प्राथमिकता तय करनी होगी, यानी सबको टीका फिलहाल नही दिया जा सकता है।
टीके की कमी?
दूसरी ओर भारत में टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंडिया के प्रमुख अदर पूनावाला ने केंद्र से अनुदान माँगा है ताकि टीका उत्पादन बढ़ाया जा सके।
'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस तरह के अनुदान का कोई प्रावधान नहीं है, कंपनी को अग्रिम भुगतान किया जाता है, जिसे बाद में पूरे भुगतान से काट लिया जाता है।
सरकार ने यह यह भी ऐलान किया है कि 11 अप्रैल से कार्यस्थल पर भी टीकाकरण शुरू कियाा जाएगा, यानी दफ़्तरों में टीका देने का काम किया जाएगा।
इन सबके बीच सरकार ने यह माना है कि टीके के खुराक की आपूर्ति सीमित है, सबको टीका नहीं दिया जा सकता है। हर्षवर्द्धन ने कहा,
“
जब तक टीके की उपलब्धता सीमित है, प्राथमिकता तय करने का कोई विकल्प नहीं है। पूरी दुनिया में ऐसा ही होता है और सभी राज्य सरकारों को यह पता है। लेकिन कुछ राज्य सरकारें लोगों का ध्यान बँटाने के लिए यह मुद्दा उठाने का निंदनीय काम कर रही हैं।
हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
महाराष्ट्र-केंद्र तनातनी
महाराष्ट्र-केंद्र के बीच तनातनी का आलम यह है कि इसके पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि मुंबई जैसे शहरों ने ख़त्म हो रहे वैक्सीन के स्टॉक के बारे में आगाह किया है।
टोपे ने यह भी कहा था कि अब महाराष्ट्र के पास 14 लाख वैक्सीन के डोज़ बचे हैं, जिसका मतलब है कि यह तीन दिन का स्टॉक है। उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य को हर हफ़्ते 40 लाख डोज चाहिए ताकि हर रोज़ 5 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके।
क्या कहना है केंद्र का?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, टोपे ने हर्षवर्धन से कहा था, 'हमारे अधिकांश टीकाकरण केंद्रों में खुराक नहीं है और वे बंद हो गए हैं। वे खुराक की कमी के कारण लोगों को वापस भेज रहे हैं। मैं आपसे टीका आपूर्ति के लिए कह रहा हूँ।'
लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा,
“
महामारी को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार को अभी बहुत कुछ करना है और केंद्र सरकार उसकी हर मुमकिन मदद करेगी। लेकिन राजनीति करने और अफरातफरी फैलाने के लिए झूठ बोलने पर पूरा ध्यान केंद्रित करने से महाराष्ट्र को कोई फ़ायदा नहीं होगा।
हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
महाराष्ट्र पर तीखा हमला
वह यहीं नहीं रुके। हर्षवर्द्धन ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 'महामारी रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार कुछ नहीं कर रही है और यह समझ से परे है। लोगों में अफरातफरी फैलाने से स्थिति बदतर ही होगी।'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि टीका आपूर्ति के बारे में सभी राज्य सरकार को नियमित जानकारी दी जाती है। उन्होंने टीके की कमी होने के आरोप को बेबुनियाद बताया।
हर्षवर्धन ने 'आज तक' न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा था, 'राज्यों से कहा गया है कि उनकी ज़रूरत के मुताबिक़ वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्र किसी भी राज्य में वैक्सीन की कमी की स्थिति नहीं आने देगा।'
एक दूसरे केंद्रीय प्रकाश जावड़ेकर भी केंद्र-राज्य के इस आरोप-प्रत्यारोप में कूद पड़े। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी है कि टीका की कितन खुराकें बनी हैं और सरकारों को दी गई है।
Maharashtra Govt should not play politics over vaccination. Here are the facts: Total number of COVID vaccine supplied to State till date
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 7, 2021
- 1,06,19,190 ;
Consumption - 90,53,523 (of which 6% wastage - over 5L)
Vaccine in pipeline - 7,43,280. Dosage available - nearly 23 lakhs
'पहले स्वास्थ्य कर्मियों को तो टीका दो'
हर्षवर्द्धन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जब 18 साल की उम्र के ऊपर के हर व्यक्ति को टीका देने की बात करती है तो इसका मतलब यह हुआ कि उसने अब तक सभी स्वास्थ्य कर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को टीका दे दिया है। पर तथ्य इसके उलट है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र पर हमला करते हुए कहा कि अब तक उस राज्य ने अब तक सिर्फ 86 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक़ और 46 प्रतिशत को दूसरी खुराक़ दी है। इसी तरह पंजाब ने सिर्फ 72 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक़ और 27 प्रतिशत को दूसरी खुराक दी है।
उनके कहने का मतलब यह है कि पंजाब और महाराष्ट्र ने तो सभी स्वास्थ्य कर्मियों का भी पूरा टीकाकरण नहीं किया है, ऐसे में वह सबको टीका देने की बात कैसे कर सकती है।
उन्होंने इन दोनों राज्यों की खिंचाई करते हुए यह भी कहा कि दूसरी ओर 10 राज्यों व केंद्र-शासित क्षेत्रों ने 90 प्रतिशत से ज़्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दे दिया है।
छत्तीसगढ़
इसी तरह छत्तीसगढ़ ने भी कोरोना टीके की कमी का मुद्दा उठाया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंह देव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा था और ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'राज्य में कोवैक्सिन की आपूर्ति के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार की चिंता को संबोधित करते हुए माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी को लिखा है।'
Wrote to hon'ble union minister of health @drharshvardhan ji addressing the concern of Chhattisgarh govt regarding the supply of COVAXIN to the state.
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) February 11, 2021
The primary concerns of the state are :
▪️The inhibitions regrading the incomplete 3rd phase trials of COVAXIN (1/2) pic.twitter.com/xLNj43hwRR
हर्षवर्द्धन ने इसके जवाब में लिखा था,
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टीकों की पर्याप्त आपूर्ति छत्तीसगढ़ में पहुँचाई गई है, राज्य में केवल 9.55% फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया है जो चिंता का विषय है। श्री टीएस सिंह देव जी, ग़ैर-मुद्दों को सनसनीखेज बनाने के बजाय कृपया राज्य में वैक्सीन कवरेज में सुधार पर ध्यान दें।
हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
निशाने पर छत्तीसगढ़
इसके बाद ताज़ा विवाद में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ के कई नेता लोगों को ग़लत जानकारी देने और अफरातफरी फैलाने वाले बयान दे रहे है। यह बेहतर होगा कि राज्य सरकार अपनी ऊर्जा लोगों को टीका देने में लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस राज्य में बीते 2-3 सप्ताहों में कोरोना से अधिक मौते हुई हैं।
रोज़ सवा लाख मामले
बता दें कि केंद्र - राज्य आरोप-प्रत्यारोप ऐसे समय हो रहा है जब एक दिन में पॉजिटिव केस सवा लाख से ज़्यादा हो गए हैं। बुधवार को कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों की तादाद सवा लाख थी, इससे एक दिन पहले मंगलवार को संक्रमण के मामले 1 लाख 15 हज़ार से ज़्यादा थे।
पिछले साल 30 जनवरी को संक्रमण शुरू होने के बाद से एक दिन में अब तक इतने संक्रमण के मामले नहीं आए थे। देश में 4 दिन के अंदर यह तीसरी बार है जब संक्रमण के मामले एक लाख से ज़्यादा आए हैं।
अकेले महाराष्ट्र में क़रीब 60 हज़ार संक्रमण के मामले हैं। इसमें से मुंबई में 24 घंटों में संक्रमण के 10 हज़ार 428 नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ में 10 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में 6 हज़ार से ज़्यादा मामले आ रहे हैं।
दिल्ली में 5500 से ज़्यादा केस आए। मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हरियाणा सहित कई राज्यों में संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है।