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हार्दिक ने ट्विटर बायो से 'गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष' हटाया 

हार्दिक ने ट्विटर बायो से 'गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष' हटाया 

गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल क्या अभी भी कांग्रेस में सहज नहीं हैं? क्या उनकी राजनीति बदलने वाली है? उनके ट्विटर प्रोफाइल में बदलाव क्यों?

चुनाव से पहले क्या हार्दिक पटेल कांग्रेस छोड़ देंगे? यह सवाल फिर से इसलिए उठ रहा है कि हार्दिक पटेल ने अपने ट्विटर बायो से 'गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष' शब्द को हटा दिया है। पिछले कुछ दिनों से वह कांग्रेस नेताओं से नाराज़ चल रहे हैं। बीजेपी की तारीफ़ भी की थी और उन्होंने वॉट्सऐप व टेलीग्राम बायो से कांग्रेस शब्द हटा दिया था। हालाँकि उन्होंने बाद में साफ़ कहा था कि वह कांग्रेस छोड़कर नहीं जा रहे हैं, लेकिन अब ट्विटर बायो से गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष पद हटाने से फिर से कयास लग रहे हैं कि राज्य में चुनाव से कुछ महीने पहले कहीं वह पार्टी से बाहर तो नहीं निकलने वाले हैं?

पहले हार्दिक पटेल के ट्विटर बायो में लिखा था- "गौरवान्वित भारतीय देशभक्त। सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता। गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष। एक बेहतर भारत के लिए प्रतिबद्ध।" लेकिन बदले हुए ट्विटर बायो से 'गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष' शब्द गायब है।

 - Satya Hindi

हालाँकि गौर करने वाली बात यह है कि ट्विटर पर लगी प्रोफाइल तसवीर में उनकी पहले वाली ही तसवीर है जिसपर कांग्रेस का नारा 'मैं लड़ूंगा और जीतूँगा' लिखा है और उस पर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के पंजे का भी निशान है। इसके साथ ही राहुल गांधी द्वारा क़रीब 7 घंटे पहले किए गए एक ट्वीट को उन्होंने ट्वीट भी किया है। तो इसके क्या संकेत हैं? बायो से कांग्रेस शब्द हटाने का क्या मतलब है?

बता दें कि 28 वर्षीय पाटीदार नेता गुजरात में कांग्रेस और उसके शीर्ष नेताओं द्वारा अनदेखा किए जाने की शिकायत करते रहे हैं। हार्दिक पटेल बीते कुछ दिनों में तमाम टीवी चैनलों और अखबारों को दिए इंटरव्यू में गुजरात में कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर खुलकर अपनी बात कह चुके हैं। तभी से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लग रही हैं। 

हार्दिक पटेल ने एक इंटरव्यू में हिंदू होने पर गर्व होने की बात कही थी और कहा था कि वह भगवान राम के भक्त हैं। उन्होंने यह भी कहा था कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी में फैसले तेजी से लिए जाते हैं। उन्होंने बीजेपी की तारीफ़ करते हुए कहा था, 'मैं बीजेपी की तरफ़ से हाल ही में लिए गए राजनीतिक फ़ैसलों का स्वागत करता हूँ। गुजरात में बीजेपी मज़बूत है क्योंकि उनके पास निर्णय लेने की क्षमता के साथ नेतृत्व है।' इस बयान के बाद जब उनके बीजेपी में शामिल होने को लेकर कयास लगाए जाने लगे तो उन्होंने उसे तब भी अफवाह बताया था।

जब कुछ दिनों पहले हार्दिक पटेल की कांग्रेस छोड़ने की ख़बरें आई थीं तो उन्होंने मीडिया से बातचीत में बीजेपी में शामिल होने के कयासों को अफवाह क़रार दिया था।

उन्होंने कहा, 'लोग बहुत कुछ कहेंगे। जब जो बाइडेन ने अमेरिकी चुनाव जीता, तो मैंने उनकी प्रशंसा की। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके उपाध्यक्ष भारतीय मूल के हैं। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि मैं बाइडेन की पार्टी में शामिल हो जाऊँगा?' 

बीजेपी में शामिल होने के कयासों के बीच ही कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि वह अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ बातचीत कर रहे हैं। पटेल ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में जब अपनी उपेक्षा की बात कही थी तब गुजरात में आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उसके दरवाजे हार्दिक पटेल के लिए हमेशा खुले हैं।

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