गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल अपनी ही पार्टी पर बुरी तरह हमलावर हुए हैं। हार्दिक पटेल ने कहा है कि कांग्रेस में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।
पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस को गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का सामना करना है। लेकिन पाटीदार युवाओं के बीच अच्छी पकड़ रखने वाले पटेल की यह नाराजगी कांग्रेस के लिए गुजरात के चुनाव में बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है।
हार्दिक पटेल ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “मेरी हालत कांग्रेस में ऐसे नए दूल्हे जैसी है जिसकी नसबंदी कर दी गई है।” हार्दिक ने पाटीदार नेता नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर हो रही देरी पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह पूरे पटेल समाज का अपमान है।
पटेल ने कहा, “मुझे पीसीसी की किसी भी बैठक में नहीं बुलाया जाता है। कोई भी फैसला लेने से पहले मुझसे कोई बातचीत नहीं की जाती तो फिर इस पद का क्या मतलब है।”
हार्दिक पटेल ने कहा कि हाल ही में गुजरात कांग्रेस में 75 नए महासचिव और 25 नए उपाध्यक्ष बनाए गए लेकिन मुझसे पूछा तक नहीं गया कि क्या कोई मजबूत नेता इस सूची में जगह बनाने से रह गया है।
राहुल की पसंद पर मिली थी जिम्मेदारी
हार्दिक पटेल को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और राहुल की पसंद पर ही उन्हें जुलाई 2020 में गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। हार्दिक ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सदस्यता ली थी। उन्हें 2015 में दर्ज एक मुकदमे से सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है और अब वह चुनाव लड़ सकते हैं।
हार्दिक पटेल ने कुछ दिन पहले भी पार्टी में अहम रोल न दिए जाने को लेकर निराशा जाहिर की थी। उन्होंने अखबार से कहा, “मैंने कांग्रेस को बताया था कि पाटीदार आंदोलन के चलते ही पार्टी को 2015 के स्थानीय निकाय चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में अच्छी सफलता मिली थी। लेकिन उसके बाद क्या हुआ। कांग्रेस में कई लोग ऐसा महसूस करते हैं कि हार्दिक पटेल को कांग्रेस ने सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किया।”
हार्दिक ने कहा कि ऐसा इस वजह से हो सकता है कि कुछ लोग पार्टी में उनसे खतरा महसूस करते हों।
हार्दिक ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हाल ही में पंजाब कांग्रेस के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल अपने कार्यकारी अध्यक्ष के साथ सोनिया गांधी से मिला लेकिन गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष को इस तरह की इज्जत क्यों नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन कांग्रेस अभी तक नरेश पटेल को लेकर फैसला नहीं कर सकी है। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की भी इच्छा जताई।हार्दिक पटेल ने इस बात से इनकार किया कि उन्हें किसी पद की लालसा है।
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा है कि वह हार्दिक पटेल से बातचीत करेंगे। उन्होंने नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर किसी तरह का असमंजस होने से इनकार किया।
बीते कुछ सालों में कई युवा और तजुर्बेकार नेता भी कांग्रेस को छोड़कर गए हैं। गुजरात के चुनाव से ठीक पहले हार्दिक पटेल जैसे युवा नेता का लगातार नाराज होना यह दिखाता है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नेताओं को अपने साथ जोड़कर नहीं रख पा रहा है।
गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ने जा रही है और अगर हार्दिक पटेल जैसे युवा नेता लगातार नाराज बने रहते हैं तो इससे कांग्रेस के प्रदर्शन पर जरूर असर पड़ेगा क्योंकि पटेल की पाटीदार समाज में अच्छी पकड़ है।
कांग्रेस बीते दो दशक से ज्यादा वक्त से गुजरात की सत्ता से बाहर है हालांकि पिछले चुनाव में उसने अपना प्रदर्शन सुधारा था। लेकिन उसके बाद बड़ी संख्या में विधायक और बड़े नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया।