इजराइल ने ग़ज़ा में दाना-पानी पहुंचाने के लिए रखी ये शर्त
हमास-इजराइल युद्ध में सबसे ज्यादा संकट में ग़ज़ा के लोग हैं। गुरुवार को युद्ध का छठा दिन है लेकिन किसी भी तरह का दाना-पानी किसी भी देश से ग़ज़ा में नहीं पहुंचा है। उजड़े अस्पतालों में घायल फिलिस्तीनी बिना इलाज के पड़े हुए हैं। इज़राइली ऊर्जा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने गुरुवार को अपने बयान के जरिए शर्त रखी है कि जब तक हमास सभी इजराइली बंदियों को रिहा नहीं कर देता, तब तक गजा की घेराबंदी खत्म नहीं होगी। वहां बिजली और ईंधन या मानवीय सहायता सहित किसी भी बुनियादी संसाधन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहां तक की दाना-पानी भी नहीं मिलेगा।
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ग़ज़ा को मानवीय सहायता तब तक नहीं, जब तक इजराइली बंधकों की घर वापसी नहीं हो जाती। तब तक कोई बिजली का स्विच चालू नहीं किया जाएगा, कोई पानी का नल नहीं खोला जाएगा और कोई ईंधन ट्रक प्रवेश नहीं करेगा।
-इजराइल काट्ज़, ऊर्जा मंत्री इजराइल, 12 अक्टूबर सोर्सः ट्विटर
इज़रायली ऊर्जा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा कि युद्ध से पहले ग़ज़ा को रोजाना 54,000 क्यूबिक मीटर पानी और 2,700 मेगावाट बिजली मिलती थी। लेकिन स्थिति अब बदल गई है। उनके पास जनरेटर के लिए भी ईंधन ख़त्म हो रहा है। एक सप्ताह में बिजली के बिना सीवेज सिस्टम फेल हो जाएगा। काट्ज़ ने कहा कि ग़ज़ा इसी का हकदार है और ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय का कहना है कि ग़ज़ा में शनिवार से अब तक 1,000 घरों को नष्ट कर दिया है और क्षेत्र में कई लोगों को पानी, ईंधन और मेडिकल सप्लाई की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कहा गया है कि अन्य 560 अपार्टमेंट यूनिट गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं और रहने लायक नहीं गईं हैं। इजरायली हवाई हमलों के कारण कम से कम 12,600 घरों को नुकसान पहुंचा है।
यूएन एजेंसी ने बताया कि ईंधन और महत्वपूर्ण मेडिकल सप्लाई की गंभीर कमी के कारण क्षेत्र के सभी 13 अस्पताल केवल आंशिक रूप से चालू हैं। इजराइल द्वारा ग़ज़ा पट्टी पर कड़ी घेराबंदी करने के कारण पानी की सप्लाई में कमी के कारण 2.3 मिलियन के क्षेत्र में 650,000 से अधिक लोगों के लिए पानी की गंभीर कमी हो गई है। सीवेज सिस्टम नष्ट हो गए हैं, जिससे गंदा अपशिष्ट पानी सड़कों पर फैल रहा है और स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो गया है।
- रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति का कहना है कि बमबारी और ईंधन की कमी के कारण ग़ज़ा में पांच में से तीन जल संयंत्र सेवा से बाहर हैं।
इज़राइल ने ग़ज़ा पर हवाई हमले गुरुवार को भी जारी रखे। खान यूनिस इलाके में नौ बच्चों सहित दर्जनों लोग मारे गए। अल जज़ीरा के रिपोर्टरों ने ग़ज़ा ग्राउंड जीरो से खबर दी है कि गुरुवार को पिछले दो घंटों से भारी बमबारी हो रही है. नागरिक हताहत हुए हैं और हम संख्या पर आधिकारिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
अल जज़ीरा के पत्रकारों ने बताया कि काफी लोग मलबे में फंसे हुए हैं। लोग हताश होते जा रहे हैं। पत्रकारों के पास बेसमेंट या बंकर में फंसे लोगों के फोन भी आ रहे हैं, जो उनकी दुर्दशा को दुनिया के साथ साझा करने की गुहार लगा रहे हैं। आपातकालीन सेवाओं ने पत्रकारों को बताया है कि उनके पास जरूरतमंद लोगों को भेजने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हैं। एक साथ कई क्षेत्रों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे ग़ज़ा में कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं रह गया है और घायल व्यक्तियों के पास अस्पताल तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
फ़िलिस्तीनी सर्जन ग़ासन अबू सिट्टा ने गुरुवार सुबह शेटी शरणार्थी शिविर पर इज़राइली हमले से हुई चोटों पर रिपोर्ट दी। उन्होंने बताया कि आज (12 अक्टूबर) सुबह शेटी कैंप में पूरे परिवार को उनके घरों में मार दिया गया। कुछ महीनों का एक बच्चा जिसके सिर में चोट लगी है, एक 4 साल का बच्चा जो ठीक नहीं हो पा रहा है और एक 11 साल का बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया है। सभी चचेरे भाई-बहन. दादाजी चिल्लाते रहे। सर्जन अबू सिट्टा ने कहा- 'यह युद्ध नहीं, यह फांसी है।''