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महाराष्ट्र की जेलों में बंद 50 फ़ीसदी कैदी रिहा किए जाएँगे

महाराष्ट्र की जेलों में बंद 50 फ़ीसदी कैदी रिहा किए जाएँगे

कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से महाराष्ट्र की जेलों में बंद 50 फ़ीसदी कैदियों को रिहा किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जेलों में कैदियों की संख्या कम की जाए क्योंकि वहाँ क्षमता से काफ़ी ज़्यादा कैदी हैं।

महाराष्ट्र की जेलों में बंद 50 फ़ीसदी कैदियों को कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से रिहा किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जेलों में कैदियों की संख्या कम की जाए क्योंकि वहाँ क्षमता से काफ़ी ज़्यादा कैदी हैं। ऑर्थर रोड जेल को ही लें, इस जेल में क़रीब 2600 कैदी हैं जबकि इसकी क्षमता 800 की ही है। इसी को देखते हुए पहले 11 हज़ार कैदियों को रिहा करने का फ़ैसला लिया गया था और अब रिहा किए जाने वाले कैदियों की संख्या को बढ़ाकर 17 हज़ार किया गया है। महाराष्ट्र जेल विभाग ने यह फ़ैसला तब लिया है जब मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में 158 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और जेल के कई स्टाफ़ भी संक्रमित हुए हैं। 

राज्य में यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले के बाद लिया गया है जिसमें कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए राज्यों की जेलों में भीड़ कम करने के लिए क़दम उठाने को कहा था। कोर्ट के इन्हीं निर्देशों को लेकर राज्य में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी। 26 मार्च को महाराष्ट्र सरकार ने 11 हज़ार कैदियों को रिहा करने का फ़ैसला किया था। इन कैदियों में अंडर ट्रायल आरोपी और वैसे अपराधी शामिल थे जो गंभीर अपराधों में शामिल नहीं रहे थे और जिनकी सज़ा 7 साल से कम थी। इसमें कहा गया था कि इन्हें या तो अस्थायी ज़मानत या पैरोल पर रिहा किया जाएगा। गंभीर अपराध की सज़ा काट रहे लोगों को रिहा नहीं किया जाएगा। राज्य भर की जेलों में क़रीब 35000 कैदी हैं। 

लेकिन ऑर्थर रोड जेल में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित लोगों के पाए जाने पर उच्च स्तरीय कमेटी ने बैठक कर फ़ैसला लिया कि और कैदियों को रिहा किया जाए। कमेटी के फ़ैसले के बाद मंगलवार को राज्य सरकार ने उनको रिहा करने का फ़ैसला ले लिया। 'द इंडियन एक्सप्रेस' से राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कमेटी के निर्णय पर इतने कैदियों को रिहा करने का फ़ैसला लिया गया है। उस कमेटी की अध्यक्षता जस्टिस ए ए सैयद ने की और उसके सदस्यों में अतिरिक्त सचिव संजय चहंडे और जेल के महानिदेशक एस एन पांडे शामिल थे। 

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, 28 मार्च से अब तक 5200 अंडर ट्रायल कैदियों को सशर्त जमानत पर रिहा किया जा चुका है। 8 मई से दोषियों को आपात पैरोल पर रिहा करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और क़रीब 500 दोषियों को रिहा किया जा चुका है। 

बता दें कि देश भर में महाराष्ट्र ही कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य है। राज्य में अब तक 23 हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमित मामले आ चुके हैं। 868 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में हर रोज़ मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। 

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