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जम्मू-कश्मीर: गुपकार गठबंधन ने खारिज की रिपोर्ट, बीजेपी पक्ष में

जम्मू-कश्मीर: गुपकार गठबंधन ने खारिज की रिपोर्ट, बीजेपी पक्ष में

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए आई रिपोर्ट को लेकर सियासी रार बढ़ रही है। क्या ऐसे में विधानसभा चुनाव हो पाएंगे?

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के पुनर्गठन के लिए आई परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को गुपकार गठबंधन व कुछ अन्य दलों ने खारिज कर दिया है। गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों ने इसे अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक बताया है। जबकि बीजेपी ने रिपोर्ट का स्वागत किया है।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कुछ विपक्षी दलों ने मिलकर पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन यानी गुपकार गठबंधन बनाया था। इसमें पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेन्स, जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स, आवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और सीपीआईएम शामिल हैं।

गुरुवार को परिसीमन आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद से माना जा रहा है कि अब राज्य के अंदर कुछ ही महीनों में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं।

'विभाजनकारी है रिपोर्ट'

गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा है कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट के तहत उन पर थोप दी गई है और इस एक्ट की खुद ही न्यायिक जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि उन लोगों से इस बारे में कभी विचार-विमर्श नहीं किया गया और उनकी गैर हाजिरी में लिया गया कोई भी फैसला सही नहीं हो सकता और वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग की यह रिपोर्ट विभाजनकारी है और एक पार्टी विशेष के एजेंडे को पूरा करने वाली है।

यूसुफ तारिगामी ने कहा कि परिसीमन आयोग ने संविधान के 84वें संशोधन का पालन नहीं किया जिसके तहत 2026 तक देश भर में परिसीमन की कार्रवाई को रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग ने परिसीमन आयोग कानून, 2002 की ओर से निर्धारित मानदंडों का भी पालन नहीं किया।

पीडीपी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि परिसीमन आयोग बीजेपी का ही हिस्सा है।

 - Satya Hindi

नेशनल कांफ्रेंस के इमरान डार ने कहा कि परिसीमन आयोग के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट बीजेपी और उसके सहयोगियों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि जब भी विधानसभा चुनाव होंगे तो बीजेपी और उसके प्रॉक्सी दलों को राज्य के मतदाता जवाब दे देंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज ने भी आयोग की रिपोर्ट को लेकर निराशा जाहिर की है और कहा है कि लोग शायद इस रिपोर्ट को स्वीकार ना करें। पैंथर्स पार्टी ने भी रिपोर्ट को लेकर नाखुशी जताई है।

लेकिन जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट का स्वागत किया है और कहा है कि आयोग ने तय समय में रिपोर्ट दे दी है। 

क्या है रिपोर्ट में?

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या को 83 से बढ़ाकर 90 किया है। इसके अलावा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 24 सीटें होने की बात आयोग ने कही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जम्मू-कश्मीर में 9 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित की गई हैं। 

आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू में विधानसभा की 6 सीटें बढ़ेंगी जबकि कश्मीर में एक। अब तक जम्मू में 37 सीटें थीं जबकि कश्मीर में 46। इस तरह जम्मू में अब 43 सीटें हो जाएंगी जबकि कश्मीर में 47।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था और इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया था और पूर्ण राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया था। राज्य में जून, 2018 के बाद से ही कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है।

परिसीमन आयोग में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के निर्वाचन आयुक्त केके शर्मा और मुख्य चुनाव अफसर हृदेश कुमार भी परिसीमन आयोग के सदस्य हैं। 

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