दीवाली पर पटाखे फोड़ने को लेकर वडोदरा में हुए दंगों की जांच कर रही गुजरात पुलिस और बीजेपी ने कहा कि स्ट्रीट लाइट बंद कर दी गई थी और पेट्रोल बम फेंके गए थे। यह दर्शाता है कि दंगे पूर्व नियोजित थे। ऐसा ही दावा बीजेपी विधायक राजेंद्र त्रिवेदी ने किया है। ये बातें इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कही गई हैं।
गुजरात में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। राज्य में हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण कराने के लिए तमाम तरह की कोशिशें जारी हैं। हाल ही में बिलकीस गैंगरेप और हत्या मामले के दोषियों की सजा माफ करते हुए उन्हें छोड़ दिया गया था। उन दोषियों का राज्य में कई जगह स्वागत किया गया। इस मुद्दे का इस्तेमाल भी ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है। वडोदरा का दंगा ताजा घटना है जिसका इस्तेमाल भी इसी काम के लिए हुआ है।
इंडिया टुडे के मुताबिक वडोदरा पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। सोमवार-मंगलवार की रात 12ः30 बजे वडोदरा के पानीगेट इलाके में दो समूहों के बीच हुए दंगों के बाद 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह इलाका बेहद संवेदनशील है। पिछले चार महीने में एक ही इलाके में तीन बार दंगे की घटनाएं हो चुकी हैं।
पटाखों को लेकर शुरू हुआ विवाद जल्द ही तोड़फोड़ में बदल गया। स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों पर उस समय पेट्रोल बम फेंके गए, जब वे कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए इलाके में गश्त कर रहे थे। कुछ लोगों ने पथराव भी किया।
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस घटना की जानकारी के लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरों से तलाश कर रही है।
घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। समुदाय विशेष के लोगों की गिरफ्तारी काफी संख्या में हुई है।