गुजरात के स्कूलों में टीचर नहीं, लेकिन सुबह-सुबह गीता का ज्ञान लेना अनिवार्य
गुजरात के 37000 स्कूलों के बच्चों को ठीक से मिड डे मील नहीं मिल पाता। जहां मिलता है, वहां की स्थिति इतनी बुरी है कि बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। लेकिन इन बच्चों को अब गीता का ज्ञान अनिवार्य रूप से लेना होगा। बेशक उनके पेट खाली हों लेकिन सुबह प्रार्थना के समय गीता का ज्ञान लेना होगा। सरकारी स्कूलों में अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए टीटर नहीं हैं। इसके बावजूद गुजरात विधानसभा में भगवद गीता को सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव फरवरी 2024 में पास हो चुका है। अहमदाबाद के 600 से अधिक स्कूल अब इस हिंदू धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ाने के लिए तैयार हैं। अधिकारियों ने बताया कि गीता के श्लोकों पर आधारित वीडियो पाठ इस सप्ताह से इन स्कूलों में सुबह की असेंबली का अनिवार्य हिस्सा होगा।
गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने मंगलवार को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया। इसे नाम दिया गया है 'विद्यार्थी जीवन पथदर्शक बंशे श्रीमद्भगवद्गीता' (श्रीमद्भगवद्गीता छात्र जीवन के लिए मार्गदर्शक बनेगी)। इस साल की शुरुआत में 7 फरवरी को पंशेरिया ने बजट सत्र के दौरान छठी से बारहवीं कक्षा तक भगवद गीता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव बिना विरोध के पारित हो गया। गुजरात के स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र 13 जून से शुरू हो चुका है।
गुजरात शिक्षा विभाग के फैसले को लागू करने के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा कार्यालय (ग्रामीण) ने वीडियो पाठ तैयार किए हैं। इन्हें शहर के 650 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा।
डीईओ अहमदाबाद ग्रामीण कृपा झा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “ये वीडियो अहमदाबाद के 600 से अधिक स्कूलों में सुबह की सभा का अनिवार्य हिस्सा होंगे। हर सप्ताह एक श्लोक या एक वीडियो लिया जाएगा। सभी स्कूलों को इसके लिए सर्कुलर जारी किया जा रहा है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राज्य सरकार की पहल के तहत उठाया गया है।”
गुजरात राज्य स्कूल पाठ्यपुस्तक बोर्ड (जीएसएसटीबी) के निदेशक वीआर गोसाई ने बताया कि “शिक्षा विभाग भगवद गीता को पूरे राज्य में लागू करने के लिए स्कूलों में कक्षा VI से XII तक गुजराती प्रथम भाषा पाठ्यक्रम के दो अध्याय शामिल किए गए हैं, जबकि गैर गुजराती छात्रों के लिए एक अलग साहित्य तैयार किया गया है।“
गुजरात के स्कूलः गुजरात में लगभग 926 सरकारी प्राथमिक विद्यालय केवल एक शिक्षक के साथ चल रहे हैं, राज्य विधानसभा में यह जानकारी पिछले साल दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा सदन में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, महिसागर जिले में 106 स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक है, जबकि कच्छ में 105, तापी में 84, देवभूमि द्वारका में 46, नर्मदा में 45 और खेड़ा जिले में 41 स्कूल हैं।
जिन जिलों में स्थिति बेहतर है उनमें बोटाद शामिल है, जहां केवल दो स्कूल एक शिक्षक के साथ काम कर रहे हैं, इसके बाद मोरबी (तीन स्कूल), भावनगर और गिर सोमनाथ (पांच स्कूल प्रत्येक), गांधीनगर (छह) और जामनगर (आठ) हैं।
गुजरात सरकार द्वारा विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य भर के विभिन्न अनुदान प्राप्त और सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में 7,906 क्लासरूम जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं। इनमें से 6,539 सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में, 574 अनुदान प्राप्त माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में, और 413 अनुदान प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की कक्षाएं हैं।