पंजाब के हालिया विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी की नजर अब गुजरात पर है। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अब तक राज्य की राजनीति दो ध्रुवीय रही है यानी राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला रहा है।
लेकिन पंजाब की बड़ी जीत के बाद गुजरात में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं और उन्हें लगता है कि उनकी पार्टी यहां बीजेपी से सीधा मुकाबला कर सकती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को अहमदाबाद पहुंचे। दोनों नेताओं ने यहां तिरंगा यात्रा निकाली जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
दोनों नेता साबरमती में बापू के आश्रम भी पहुंचे और चरखा काता। यहां अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह स्वयं को धन्य मानते हैं कि वह उस देश में पैदा हुए हैं जहां गांधी जी पैदा हुए।
हालांकि हालिया चुनावी राज्यों के नतीजों को देखें तो आम आदमी पार्टी को पंजाब के बाहर कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। गोवा में उसने 2 सीटें जीती हैं लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वह फ्लॉप रही है।
चुनावी विश्लेषकों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की कोशिश तमाम चुनावी राज्यों में कांग्रेस की जगह लेने की है। इसी के तहत आम आदमी पार्टी इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले साल होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों के लिए भी कमर कस रही है और हाल में उसने कई नेताओं को चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी है।
अन्ना आंदोलन से निकले अरविंद केजरीवाल तीन बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे हैं और अब उनकी कोशिश राष्ट्रीय राजनीति में जगह बनाने की है। कुछ ऐसी ही कोशिश पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भी कर रहे हैं।
सभी सीटों पर लड़ेगी आप
केजरीवाल काफी पहले ही इस बात का एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी गुजरात की सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आम आदमी पार्टी को पिछले साल हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में थोड़ा बहुत सफलता मिली थी। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सभी 29 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी लेकिन इस बार पार्टी पंजाब में मिली जीत के बाद उत्साहित है और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी माहौल बना रही है।
बीजेपी का मजबूत गढ़
गुजरात में बीजेपी बीते दो दशक से ज्यादा वक्त से लगातार सत्ता में है और खुद नरेंद्र मोदी वहां 14 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी बीजेपी को गुजरात में उनके भरोसे ही जीत मिलती रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जोरदार चुनौती दी थी लेकिन उसके बाद कांग्रेस के कई विधायकों ने उसका साथ छोड़ दिया है। ऐसे में कांग्रेस की हालत यहां पतली है और आम आदमी पार्टी से भी उसे कुछ चुनौती मिल सकती है।
केजरीवाल अपने 2 दिन के दौरे के दौरान कई राजनीतिक और सामाजिक नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और उनसे चुनावी रणनीति पर भी बातचीत करेंगे। उनका मंदिरों में जाने का भी कार्यक्रम है और वह भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन कर सकते हैं।
मोदी का मेगा रोड शो
चार राज्यों में चुनावी जीत हासिल करने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद है लेकिन उसके तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में एक बड़ा रोड शो किया था। जाहिर है कि बीजेपी किसी भी सूरत में कोताही नहीं बरतना चाहती और वह चुनाव को काफी गंभीरता से लड़ रही है।
यह कहा जाता है कि आम आदमी पार्टी विपक्ष के वोटों में सेंध लगाने का काम करती है और अगर गुजरात में वह मजबूती से चुनाव लड़ी तो इसका नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। देखना होगा कि आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन वहां कैसा रहता है और कांग्रेस उससे मिल रही चुनौती को समझ कर किस तरह खुद को तैयार करती है।