गुजरात में नकली शराब पीने से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 70 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है। यह घटना गुजरात के बोटाद जिले और अहमदाबाद के आसपास के हिस्सों में सोमवार को हुई।
पुलिस ने मामले में 24 मुख्य दोषियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) सहित कई अन्य धाराओं में तीन एफआईआर दर्ज की हैं। अब तक चौदह लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और उनसे पूछताछ की जा रही है। गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने कहा कि पीड़ितों ने मिथाइल अल्कोहल का सेवन किया था।
गुजरात में नकली शराब पीने से मौत होना इसलिए बड़ी बात है क्योंकि राज्य में कई सालों से शराबबंदी लागू है। इसका मतलब गुजरात के अंदर शराब बनाना, इसकी बिक्री करना और इसे पीने पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
लेकिन बावजूद इसके नकली शराब पीने से मौतों की घटना राज्य सरकार पर बड़े सवाल खड़े करती है।
नकली शराब पीने से मौत होने की घटना बोटाद के बरवाला तालुका के रोजिड व अन्य गांवों में हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी टेररिज्म स्क्वाड सहित कई जांच एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
पुलिस की लापरवाही
रोजिड गांव के सरपंच ने इस मामले में पुलिस को पत्र भी लिखा था और उनसे कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में कहा था कि बड़ी मात्रा में अवैध शराब हर दिन गांव में बिक रही है और इससे यहां का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने चेताया था कि पुलिस इस पर कार्रवाई करे वरना कोई बड़ी घटना हो सकती है। लेकिन पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की।
लोगों की मौत के बाद पुलिस ने रोजिड गांव में शराब के ठेकों पर छापे मारे और तलाशी अभियान चलाया। डॉक्टर्स की एक टीम को भी प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
धंधुका तालुका के आकरु, अनियारी और औचंडी गांवों में भी नकली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक पुलिस अफसर ने कहा कि यहां पर कुछ लोगों ने देसी शराब खरीदी थी। इसे पीने के बाद से ही मौतों के अलावा कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।
भावनगर रेंज के आईजीपी अशोक यादव ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस इलाके में नकली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हुई है। डॉक्टर इस बात की जांच कर रहे हैं कि शराब में क्या मिला था।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि राज्य सरकार ने नकली शराब से पिछले मौकों पर हुई मौतों से किसी तरह का कोई सबक नहीं लिया और इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के सामने ड्रग्स और शराब की समस्या एक बड़ी चुनौती है और युवा वर्ग इसके जाल में फंस रहा है।
बिहार में भी मौतें
शराबबंदी वाले एक और राज्य बिहार में भी नकली शराब पीने से लगातार मौतों के होने की घटना सामने आती रहती है। बिहार में इस साल होली के मौके पर और उससे पहले कई बार नकली शराब पीने से लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार में आखिर शराब कैसे बिक रही है इसे लेकर तमाम राजनीतिक दल राज्य सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं।
शराबबंदी फेल?
यह साफ है कि शराबबंदी घोषित वाले दोनों राज्यों बिहार और गुजरात में यह पूरी तरह फेल हो चुकी है। बिहार विधानसभा परिसर में तो शराब की खाली बोतलें भी मिली थीं। बिहार में यह चर्चा आम है कि वहां पर आसानी से शराब मिल जाती है और अफसरों और पुलिस का एक बड़ा तंत्र है जो इस काम में लगा हुआ है।