केंद्र सरकार असहमति की आवाज़ों को किस तरह दबाने का प्रयास कर रही है, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। उसने ट्विटर से कहा है कि कार्टूनिस्ट मंजुल का ट्विटर अकाउंट @MANJULtoons भारतीय नियम-क़ानूनों का उल्लंघन करता है, इसलिए इस अकाउंट के ख़िलाफ़ वह कार्रवाई करे।
ट्विटर ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन कार्टूनिस्ट को ई-मेल कर इसकी जानकारी दी है।
यह वही सरकार है, जिसने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को 'मैनीपुलेटेड मीडिया' कहे जाने पर आपत्ति दर्ज की थी और ट्विटर से कहा था कि वह इस टैग को हटाए। ट्विटर ने जाँच करने पर पाया था कि संबित पात्रा के उस ट्वीट के साथ जो कांग्रेस का टूलकिट लगाया था, वह फर्जी था।
कार्टूनिस्ट मंजुल ने ट्विटर के उस ई-मेल को एक ट्वीट के साथ अटैच कर दिया है।
कार्टूनिस्ट मंजुल ने इस पर सरकार पर तंज किया है कि शुक्र है कि सरकार ने ट्विटर अकाउंट बंद करने को नहीं कहा क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान नहीं मानते।
सरकार के कहने पर ट्विटर ने की थी कार्रवाई
बता दें कि इसके पहले ट्विटर इंडिया ने केंद्र सरकार के कहने पर 250 ट्विटर अकाउंट के अपडेट करने पर रोक लगा दी थी। इनमें किसान एकता मंच और और 'कैरेवन' पत्रिका भी शामिल हैं। ये तमाम अकाउंट किसान आन्दोलन से जुड़े हुए हैं।इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर से कहा था कि इन अकाउंट से जो जानकारियाँ ट्वीट की जा रही हैं, उससे देश में असंतोष फैल सकता है।
क्या है संबित पात्रा का मामला?
बता दें कि केंद्र सरकार ने ट्विटर से कहा था कि वह कांग्रेस की ओर से कथित रूप से जारी ‘टूलकिट’ को लेकर किए गए ट्वीट पर लगाए गए ‘मैनिप्युलेटेड मीडिया’ वाले टैग को हटा ले।
केंद्र सरकार ने कहा था कि इस मामले की जांच एक एजेंसी के सामने चल रही है और जांच के बाद ही इस कंटेंट की सच्चाई का पता चलेगा ना कि ट्विटर यह करेगा।
सरकार ने संबित पात्रा के मामले में क्या कहा था ट्विटर इंडिया से और क्या है उसका मतलब? देखें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का यह वीडियो।