एक लाख ऑक्सीजन केंसेन्ट्रेटर, 500 संयंत्र लगाएगी सरकार
ऑक्सीजन के लिए पूरे देश में मच रहे हाहाकार और कई जगहों से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों की ख़बरों के बीच केंद्र सरकार ने एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर खरीदने और 500 ऑक्सीजन संयंत्र लगाने का एलान किया है। इसके लिए पीएम केअर्स फंड से पैसे निकाले जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
1 lakh portable oxygen concentrators will be procured, 500 more PSA oxygen plants sanctioned from PM-CARES. This will improve access to oxygen, specially in district HQs and Tier-2 cities. https://t.co/oURX74RYt1
— Narendra Modi (@narendramodi) April 28, 2021
क्या कहना है सरकार का?
केंद्र सरकार ने एक प्रेस बयान में कहा है कि पीएसए (प्रेशर स्विंग एब्जॉर्प्सन) संयंत्र लगाने के साथ ही एक लाख ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स खरीदने से जहाँ ज़रूरत होगी, वहाँ ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी। इससे ऑक्सीजन को उसके उत्पादन संयंत्र से अस्पताल तक ले जाने में हो रही दिक्क़तों से बचा जा सकेगा।
तकरीबन 10 दिन पहले 162 ऐसे पीएसए संयंत्र लगाने की मंजूरी दी गई थी। अब तक कुल 1,213 पीएसए संयंत्र लगाने की मंजूरी मिल चुकी है और इनसब के लिए पैसे पीएम केअर्स से ही मिलेंगे।
बयान में दावा किया गया है कि 38 ऐसे पीएसए संयंत्रों ने काम करना शुरू कर दिया है और 30 अप्रैल तक 21 नए संयंत्र बन कर तैयार हो जाएंगे। सरकार ने यह भी दावा किया है कि 30 जून तक 156 पीएसए प्लांट काम करने लगेंगे।
क्या होता है ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर?
ऑक्सीजन वह गैस है जो वातावरण में घुला होता है, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वह मशीन है जो हवा से ऑक्सीजन को अलग करती है। यह मशीन हवा को अपने भीतर लेकर अन्य गैसों को निकाल देती है और इस तरह शुद्ध और सांस लेने लायक ऑक्सीजन मिल जाता है।
एक कंसंट्रेटर एक मिनट में करीब 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे एक आदमी के लिए इतनी ऑक्सीजन काफी है। इसलिए घर पर इसे रखने से रोगी को ऑक्सीजन मिलता रहता है।
प्रधानमंत्री ने 27 मार्च 2020 को कोरोना महामारी जैसे आपातकाल या संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)' के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की थी।