यूपी की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी का कहना है कि पीएम मोदी भगवान का अवतार हैं। वो जब तक जीवित हैं, तब तक प्रधानमंत्री रह सकते हैं। यूपी की मंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष में हलचल मची। सपा की ओर से तीखे बयान आए, जिसमें मंत्री गुलाब देवी का इस्तीफा मांगा गया। लेकिन गुलाब देवी पीएम मोदी को भगवान बताने वाली अकेली बीजेपी नेता नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दम पर बीजेपी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाया। 2019 का चुनाव उन्हीं के नाम पर लड़ा गया। 2014 के बाद देश में जहां-जहां भी बीजेपी ने चुनाव लड़ा, उसने मोदी के नाम पर वोट मांगा। यही वजह है कि बीजेपी के कई नेता जब-तब इस तरह का चमचागीरी के दायरे में आने वाला बयान देते रहते हैं।
इतिहास को टटोलने से पता चलता है कि उपराष्ट्रपति बनने से पहले वेंकैया नायडू ने ऐसे बयान की शुरुआत की थी। 2016 में वेंकैया नायडू ने कहा था - मोदी देश के लिए भगवान का गिफ्ट हैं। वो गरीबों के मसीहा हैं। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च 2016 में आरएसएस ने जब बीजेपी नेताओं के साथ समन्वय बैठक की थी तो संघ ने मोदी के लिए ऐसे बयान देने पर वेंकैया नायडू के प्रति नाखुशी जाहिर की थी। आरएसएस ने उस बैठक में बीजेपी नेताओं को साफ कर दिया कि बीजेपी लीडरशिप की तारीफ होनी चाहिए, किसी व्यक्ति विशेष की पूजा न हो। यह अलग बात है कि मोदी के दबाव पर 2017 में वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतारा गया।
लेकिन बीजेपी नेता कहां मानने वाले थे। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने 2016 में कहा कि फ्रांस के पैगंबर नास्त्रेदमस ने 1555 में ही मोदी के उदय की भविष्यवाणी कर दी थी। बकौल रिजिजू 2014 से 2026 तक भारत को एक शक्तिशाली नेतृत्व मिलेगा। बता दें कि नास्त्रेदमस कोई पैगंबर नहीं थे, बल्कि भविष्यवक्ता थे। किरन रिजिजू को नास्त्रेदमस की यह भविष्यवाणी कहां मिली, कोई हवाला 2016 के बयान में नहीं मिलता। 2016 में एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मोदी को भगवान का पवित्र गिफ्ट बताया था। चौहान ने उस समय कहा था कि मोदी 2022 तक भारत को विश्व गुरु बना देंगे। चौहान के उस बयान को आज 2022 से जोड़कर देखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात का पता चल जाएगा। यह अलग बात है कि कभी पीएम पद के दावेदार शिवराज सिंह चौहान मोदी कृपा से अपना सीएम पद बचा पाने में कामयाब हैं।
यूपी के मंत्री उपेंद्र तिवारी ने भी अक्टूबर 2021 में मोदी को भगवान का अवतार बताया था। रिपब्लिक टीवी ने तिवारी के बयान को कोट किया था - नरेंद्र मोदी जैसी शख्सियत धरती पर सिर्फ एक बार ही आती है। मोदी साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वो प्रधानमंत्री नहीं हैं, बल्कि प्रधानसेवक के तौर पर हमारे बीच आए हैं। उपेंद्र तिवारी को 2022 में बीजेपी सरकार फिर से बनने पर दोबारा मंत्री बनाया गया। उनका नाम गृह मंत्री अमित शाह द्वारा योगी आदित्यनाथ को दी गई सूची में शामिल था।
मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने 2020 में ट्वीट किया था कि मोदी भगवान कृष्ण का अवतार हैं जो धरती पर दुष्टों का नाश करने और अच्छे लोगों को बचाने आए हैं। तथागत रॉय किसी समय पश्चिम बंगाल बीजेपी के चीफ होते थे, बाद में उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था।
5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर के लिए मोदी को भूमि पूजन के लिए जाना था। टीवी पर जबरदस्त कवरेज जारी थी। 2 अगस्त 2020 को दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा - नरेंद्र मोदी इंसान के रूप में भगवान हैं। उन्होंने वो कर दिखाया जो पिछले 500 वर्षों में भारत में कोई कर नहीं सका। आदेश गुप्ता का इशारा राम मंदिर निर्माण को लेकर था।
मार्च 2022 में राजस्थान विधानसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक ज्ञानचंद पारख ने मोदी को महादेव का अवतार बताया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विधायक पारख ने हाउस में कहा कि लोग हर हर राम और हर हर कृष्णा की बजाय हर हर मोदी का नारा लगाएं। पारख यहीं नहीं रुके। पारख ने कहा कि जब महादेव की तीसरी आंख खुलती है तो तबाही होती है। ठीक उसी तरह मोदी ने जब अपनी तीसरी आंख खोली तो कश्मीर से आतंकियों का सफाया हो गया, पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक हो गई। पारख के इस बयान पर राजस्थान के मंत्री महेश जोशी ने सख्त आपत्ति विधानसभा में जताई थी। जोशी ने कहा कि यह भगवान शिव का अपमान है। एक इंसान की तुलना भगवान से कैसे की जा सकती है।
बीजेपी के और भी नेताओं के बयान हैं जो मोदी को भगवान का दर्जा देते हैं। सभी बयानों को यहां देना संभव नहीं है। लेकिन हकीकत यही है कि बीजेपी ने पीएम मोदी को इंसान से भगवान बना दिया है। नौ साल पहले कानपुर में बीजेपी आईटी सेल के दीपक हिन्दुस्तानी ने जब मोदी चालीसा लिखा था, तब किसी को विश्वास नहीं था कि बीजेपी के तमाम जिम्मेदार मंत्री, विधायक मोदी को भगवान बना देंगे। यह मोदी चालीसा वाट्सऐप के जरिए फैला था।