डीजीसीए ने एयरलाइन ऑपरेटर गो फर्स्ट पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है डीजीसीए ने यह जुर्माना पचास यात्रियों को पीछे छोड़कर उड़ान भरने के मसले पर लगाया है। इस महीने की शुरुआत में उसकी एक उड़ान ने बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 50 से अधिक यात्रियों को पीछे छोड़ दिया था।
9 जनवरी को गो फर्स्ट के एक विमान ने अपने सामान के साथ दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी, बेंगलुरु हवाई अड्डे पर ही रह गए थे। इससे 55 यात्री नाराज हो गए थे। यात्रियों के अनुसार, बेंगलुरु से दिल्ली के लिए गो फर्स्ट फ्लाइट जी 8116 ने कथित तौर पर 55 यात्रियों के बिना उड़ान भरी। जिन यात्रियों को पीछे छोड़ दिया गया था उनके पास बोर्डिंग पास भी थे और उन्होंने अपने सामान की जांच भी की थी। उसके बाद भी उन्हें उन्हें टरमैक पर ही रोक दिया गया था।
इस घटना के बाद डीजीसीए ने गो फर्स्ट के प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि नियामकीय दायित्वों में लापरवाही बरतने के लिए एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। 25 जनवरी बुधवार को एयरलाइन ऑपरेटर ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया, उसके बाद ही यह कार्रवाई की गई है।
गो फर्स्ट द्वारा दिए गये जवाब से पता चला है कि विमान में यात्रियों के चढ़ने के संबंध में टर्मिनल कंट्रोलर (टीसी), कॉमर्शिल स्टाफ और क्रू के बीच संवाद में कमी के कारण यह घटना हुई।
एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग, लोड और ट्रिम शीट तैयार करने, फ्लाइट डिस्पैच और पैसेंजर/कार्गो हैंडलिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रही।
इस गलती के लिए डीजीसीए ने सीएआर धारा 3, श्रृंखला सी, भाग 2 और हवाई परिवहन परिपत्र 2, 2019 के उल्लंघन के लिए एयरलाइन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।