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आज़ाद क्यों बोले- जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं हो पाएगा बहाल?

आज़ाद क्यों बोले- जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं हो पाएगा बहाल?

क्या गुलाम नबी आज़ाद की प्रस्तावित पार्टी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली कराने का वादा करते हुए इसे मुद्दा बनाएगी? जानिए आज़ाद ने आज क्या कहा।

पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा है कि वह 10 दिनों में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आज़ाद ने आज साफ़ कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जा सकता है। आख़िर इसकी बहाली क्यों नहीं हो सकती है? आज़ाद ने इस सवाल का जवाब भी दिया है।

मोदी सरकार द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया गया है। इस अनुच्छेद ने जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता दी थी। लेकिन इसके रद्द किए जाने के साथ ही राज्य को दिया गया विशेष दर्जा ख़त्म हो गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार आज़ाद ने कहा, 'अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जा सकता है। 370 की बहाली के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है। मैं पार्टियों को 370 के नाम पर लोगों का शोषण करने की इजाजत नहीं दूंगा। मैं लोगों को 370 के नाम पर गुमराह नहीं करूंगा। यह वापस नहीं आ सकता।' 

उन्होंने स्थानीय पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, 'राजनीतिक शोषण ने कश्मीर में एक लाख लोगों की जान ली है और पाँच लाख बच्चों को अनाथ किया है। मैं झूठ और शोषण पर वोट नहीं मांगूंगा। मैं वही बोलूँगा जो हासिल किया जा सकता है, भले ही इससे मुझे चुनाव में नुक़सान हो।'

आजाद ने कहा कि उनकी नई पार्टी केंद्र शासित प्रदेश के दो प्रांतों के लोगों को एक साथ लाएगी। इसका सर्वोच्च एजेंडा- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना है, भूमि और रोजगार के लिए स्थानीय लोगों के अधिकारों का संरक्षण करना है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आज़ाद ने कहा, 'इस समय राष्ट्रीय पार्टी मेरी प्राथमिकता नहीं है। क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक परामर्श की आवश्यकता होती है और अन्य वरिष्ठों को भी इसमें शामिल होना पड़ता है। यह उनके परामर्श से किया जाएगा। जब हम घोषणा करेंगे कि हम एक राष्ट्रीय पार्टी शुरू कर रहे हैं तो निश्चित रूप से लोग आएंगे। मेरी पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर है और कांग्रेस (जम्मू-कश्मीर) का 90 फीसदी हिस्सा मेरे साथ पहले ही आ चुका है।'

कांग्रेस से अलग होने के बाद से आज़ाद पार्टी पर हमलावर रहे हैं। क़रीब हफ्ते भर पहले ही जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि मेरी अलग पार्टी बनाने से कांग्रेस के लोगों को बौखलाहट हो रही है।

जनसभा में गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस में अपने योगदान को गिनाते हुए कहा था, 'कांग्रेस हमने बनाई है। अपने खून-पसीने से बनाई है। हमारे खिलाफ गलत अफवाहें फैलाने से नहीं बनी है। हमारे गरीब, किसान, नौजवान, बहू-बेटियाँ हमारी नस-नस में हैं। जो हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं उनकी पहुंच केवल ट्वीट, एसएमएस और कम्प्यूटर तक है। वो डिबेट में खुश रहें, उन्हें वही नसीब हो।'

आज़ाद ने कहा था, 'मैंने अभी तक अपनी पार्टी के लिए नाम तय नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी के लिए नाम और झंडा तय करेंगे। मैं अपनी पार्टी को एक हिंदुस्तानी नाम दूंगा जिसे हर कोई समझ सके।' उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के मुख्य मुद्दे होंगे- पूर्ण राज्य का दर्जा, भूमि का अधिकार और मूल निवासी को रोजगार की बहाली।

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