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आज़ाद के वफादार फिर कांग्रेस से जुड़े; पार्टी एकजुट हो रही है?

आज़ाद के वफादार फिर कांग्रेस से जुड़े; पार्टी एकजुट हो रही है?

जम्मू कश्मीर में कुछ महीने पहले जो कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी आज़ाद के साथ चले गए थे, उनके कांग्रेस में लौटने के मायने क्या हैं? क्या भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को जोड़ रही है? 

राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने से पहले कुछ महीने पूर्व कांग्रेस छोड़ने वाले नेता आज फिर से पार्टी में शामिल हुए। ये नेता गुलाम नबी आज़ाद के वफादार माने जाते हैं। उन्होंने गुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी। लेकिन अब उन्हीं में से कई नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में प्रवेश करने से पहले फिर से शामिल हो गए हैं।

कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जम्मू कश्मीर के ये नेता शामिल हुए। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि वापस शामिल होने वाले 19 में से 17 नेता उस कार्यक्रम में मौजूद रहे। उनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। इनके अलावा पूर्व मंत्री पीरजादा मोहम्मद सईद, मनोहर लाल और बलवान सिंह आदि शामिल हैं।

पार्टी में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में मुजफ्फर पर्रे, मोहिंदर भारद्वाज, भूषण डोगरा, विनोद शर्मा, नरिंदर शर्मा, नरेश शर्मा, अंबरीश मगोत्रा, सुभाष भगत, बद्री नाथ शर्मा, वरुण मगोत्रा, अनुराधा शर्मा, विजय तारगोत्रा और चंदर प्रभा शर्मा शामिल हैं।

गुलाम नबी आजाद के वफादार माने जाने वाले इन सभी नेताओं ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी यानी डीएपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। हालाँकि, आजाद ने चांद, लाल और बलवान सिंह को पिछले महीने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए डीएपी से निष्कासित कर दिया था।

संगठन के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल, एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश और राज्य की प्रभारी एआईसीसी रजनी पाटिल की उपस्थिति में ये अब फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा दिन है।' उन्होंने कहा कि यात्रा से पहले पार्टी के लिए यह एक खुशी का अवसर है क्योंकि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के हमारे दिग्गज, जो हमें कुछ गलतफहमी के कारण छोड़ गए थे, घर वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा,

यह ऐसा है जैसे इन नेताओं ने दो महीने के लिए पार्टी से छुट्टी ले ली हो। छुट्टी खत्म हो गई है और वे वापस आ गए हैं।


केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस संगठन प्रभारी महासचिव (पार्टी नेताओं के शामिल होने पर)

जयराम रमेश ने कहा कि दो और नेता जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, 'यह पहली किश्त है... और जल्द ही जुड़ेंगे।'

वेणुगोपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के लोग भी यात्रा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह देश में एक बड़ा आंदोलन बन गया है। वेणुगोपाल ने कहा, 'ये तो बस शुरुआत है। जब यात्रा जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करेगी.. वे सभी लोग जो कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास करते हैं और एक अखंड भारत चाहते हैं, यात्रा में शामिल होंगे।'

इस दौरान तारा चंद ने कहा कि कांग्रेस छोड़ना उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल थी। उन्होंने कहा कि यह जल्दबाजी में उठाया गया गलत कदम था। उन्होंने कहा, 'मैं भावनाओं में और दोस्ती में बह गया था।' द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार तारा चंद ने कहा, 'हमने अपना सारा जीवन कांग्रेस में बिताया था। लेकिन बीच में एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई जब हमने भावनाओं में बहकर जल्दबाजी में गलत कदम उठा लिया। यह एक गलत फैसला था। जिस पार्टी ने मुझ जैसे गरीब को पहचान दी... मुझे विधायक बनाया, सीएलपी नेता बनाया... विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष... मैं मानता हूं कि भावनाओं में बहकर किसी की दोस्ती से प्रभावित होकर कांग्रेस छोड़ना हमारे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी।'

पीरजादा ने कहा, 'मैं कश्मीर के लोगों, भारत के लोगों और अपनी पार्टी से माफी मांगता हूं। मैं पिछले दो महीनों से सो नहीं सका। मुझ पर इतना दबाव था, लोगों का ही नहीं, मेरे परिवार का भी... क्‍योंकि गांधी परिवार और जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों के बीच इमोशनल रिश्‍ता है। जम्मू-कश्मीर के लोग अभी भी गांधी परिवार से प्यार करते हैं।'

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस आज़ाद की वापसी के लिए बातचीत कर रही है, वेणुगोपाल ने कहा, 'उन्होंने खुद इनकार किया है। हमने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा की विचारधारा को मानने वाले लोग यात्रा में शामिल हो सकते हैं। सभी का स्वागत है।'

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