G20 शिखर सम्मेलन की विधिवत शुरुआत हो चुकी है। भारत मंडपम में विश्व के तमाम नेता धीरे-धीरे जुट रहे हैं। जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हैं। दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को बैठक हो चुकी है। दरअसल, शिखर सम्मेलन जी 20 से संबंधित हुई तमाम वर्किंग ग्रुप की बैठकों, पूरे वर्ष विभिन्न मंत्रिस्तरीय बैठकों और सहभागिता समूहों की रिपोर्टों पर विचार करेगा। इसका उद्देश्य गंभीर ग्लोबल मुद्दों को संबोधित करना है। एजेंडे में जलवायु परिवर्तन, ऋण, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और भूराजनीतिक संघर्ष पर चर्चा शामिल है। भारत इस बार G20 की अध्यक्षता कर रहा है। सभी की निगाहें विश्व नेताओं की संयुक्त घोषणा पर हैं, जिसमें आमराय की कमी अभी से नजर आ रही है।
- सम्मेलन शुरू होने पर पीएम मोदी मंच पर जहां बैठे, उनके आगे देश का नाम भारत लिखा था। भारत नेमप्लेट ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
- जी20 के इस सम्मेलन के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का आधिकारिक तौर पर स्वागत किया। घोषणा के बाद एयू चेयरपर्सन अज़ाली असौमानी और पीएम मोदी गर्मजोशी से गले मिले।
- पीएम मोदी ने सबका साथ शब्द का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा- "सबका साथ की भावना को ध्यान में रखते हुए, भारत ने प्रस्ताव दिया है कि अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए। मेरा मानना है कि हम सभी इस प्रस्ताव पर सहमत हैं। आपकी सहमति से (उन्होंने तीन बार ताली बजाई) )...,।"
- अफ्रीकी संघ 55 देशों का समूह है। उसे अब जी20 की स्थायी सदस्यता मिल गई है।
पीएम मोदी ने सम्मेलन स्थल पर भारत के दक्षिण पूर्व एशियाई और पूर्वी एशियाई पड़ोसियों के राष्ट्राध्यक्षों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसमें सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली सीन लूंग, जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शामिल हैं।
जिस देश पर सबसे ज्यादा नजरें हैं, वो है चीन, जिसके प्रीमियर ली कियांग पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी ने उनका भी स्वागत किया।